लखनऊ : सड़क हादसों के मामले में उत्तर प्रदेश देश पहले स्थान पर है. दुर्घटनाएं कम करने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार सख्ती दिखा रहे हैं, लेकिन शासन सरकार की उम्मीदों पर पानी फेर रहा है. सात माह पहले सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री ने साफ तौर पर निर्देश दिए थे कि दुर्घटनाएं रोकने के लिए सभी जिलों में एक-एक एआरटीओ (रोड सेफ्टी) की तैनाती की जाए. इस पद का सृजन किया जाए. अनुमति सरकार देगी, लेकिन सात माह से ज्यादा का समय होने के बावजूद परिवहन विभाग के अधिकारियों की सुस्ती से अब तक सभी 75 जिलों में एआरटीओ (सड़क सुरक्षा) पद का सृजन तक नहीं हो पाया है. एक भी जिले में इस पद पर तैनाती की प्रक्रिया नहीं शुरू हो पाई है. बहरहाल मंगलवार (आज) को अपर मुख्य सचिव (वित्त) की मीटिंग में इन पदों के सृजन पर मुहर लगने की उम्मीद है.
वर्ष 2023 के आखिरी माह में सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एआरटीओ रोड सेफ्टी की हर जिले में तैनाती की घोषणा की थी. आरटीओ रोड सेफ्टी का काम पूरी तरह से सड़क हादसों पर नियंत्रण स्थापित करने का होगा. मुख्यमंत्री की इस घोषणा के बाद परिवहन विभाग ने अपना प्लान बना लिया और पदों को लेकर प्रस्ताव शासन को भेज दिया, लेकिन शासन स्तर पर अफसरों की सुस्ती से योजना को अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका. सात माह का समय हो चुका है, लेकिन एआरटीओ रोड सेफ्टी पद के सृजन पर मुहर लगाने के लिए शासन दो कदम भी नहीं बढ़ पाया है. बहरहाल अब मंगलवार को होने वाली एसीएस वित्त की बैठक में इन पदों के सृजन पर मुहर लगने की उम्मीद है.
एमवीआई में परिवर्तित होगा आरआई का पद :उत्तर प्रदेश में तैनात 66 आरआई के पद को एमवीआई में परिवर्तित होना है. जिससे यह अधिकारी भी सड़क पर तकनीकी रूप से अनफिट चल रहे वाहनों की जांच कर उन पर नियंत्रण स्थापित कर सकें. जिससे सड़क हादसों में कमी आए, लेकिन इस पर भी शासन की तरफ से अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है.
351 एएमवीआई के पदों पर भी लगनी है मुहर : उत्तर प्रदेश की विभिन्न तहसीलों में भी सड़क दुर्घटनाओं पर ध्यान देने के लिए अस्सिटेंट मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर के पदों पर भी तैनाती होनी है. 351 अस्सिटेंट मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर का प्रस्ताव परिवहन विभाग की तरफ से शासन को भेजा गया है, लेकिन इस पर भी शासन ने कोई फैसला नहीं लिया है.
सड़क हादसों में हो रही बढ़ोतरी :सड़क दुर्घटनाओं में 37 प्रतिशत तो मृतकों में 42 और घायलों में 23 फीसदी का इजाफा हुआ है. साल 2022 में उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में 1.95 फीसदी और मृत्यु दर में 0.26 प्रतिशत की मामूली गिरावट दर्ज की गई थी, लेकिन इसके बाद 2023 और 2024 में बड़े-बड़े हादसे हुए. साल 2024 में अब तक कई स्थानों पर सड़क हादसों में एक साथ ही बड़ी संख्या में लोगों की मौतें हुईं.