शिमला:हिमाचल प्रदेश में बीते दो दिनों तक जहां निचले इलाकों में बारिश हुई तो वही ऊपरी इलाकों में भी जमकर बर्फबारी हुई. जिससे तीन माह से चल रहे सूखे से लोगों को निजात मिली है, लेकिन तीन माह तक बारिश न होने के चलते रबी की फसल बुरी तरह से प्रभावित हुई है. जिसकी वजह से हिमाचल के विभिन्न जिलों में गेहूं सहित अन्य फसलों पर सूखे का बुरा असर पड़ा है. कृषि विभाग द्वारा नुकसान का आकलन तैयार किया जा रहा है, जिसे राज्य सरकार को भेजा जाएगा.
जिला कुल्लू की अगर बात करे तो जिला कुल्लू में 13,283 हेक्टेयर भूमि पर कृषि की फसलें उगाई जाती है. इसमें सबसे अधिक गेहूं की फसल 8,350 हेक्टेयर भूमि पर होती है. जबकि बाकी अनाज 11,123 हेक्टेयर भूमि पर होती है. विभिन्न सब्जियां और लहसुन जिला में 1,880 हेक्टेयर भूमि पर लगाई गई है. सूखे के कारण कुल्लू जिला में 8,649 हेक्टेयर भूमि पर नुकसान हुआ है. इसमें 5,915 हेक्टेयर भूमि में गेहूं, 1,225 हेक्टेयर भूमि में जौ, 160 हेक्टेयर भूमि में दालें, 7,313 हेक्टेयर भूमि में अनाज, 118 हेक्टेयर भूमि में आलू, 1,142 हेक्टेयर भूमि में सब्जी, लहसुन, 75 हेक्टेयर भूमि में तिलहन की फसल को नुकसान हुआ है. इसके अलावा 1,336 हेक्टेयर भूमि पर व्यावसायिक फसलों को नुकसान पहुंचा है.
जिला सोलन की बात करें तो यहां पर 21,300 हेक्टेयर भूमि में गेहूं की खेती होती है. जिसमें 12 हजार हेक्टेयर क्षेत्र बारिश पर निर्भर है. जबकि शेष क्षेत्र में सिंचाई की व्यवस्था है. सोलन जिला में गेहूं को 26 लाख, मटर को ढाई लाख, जबकि अन्य सब्जियों को 8 लाख के करीब सूखे के चलते नुकसान का हुआ है. जिला सोलन में किसानों ने 24,000 हेक्टेयर में फसलों की बिजाई की थी. जिन में 7,000 हेक्टेयर के करीब क्षेत्र सुख की चपेट में आया है. जिला सोलन में 30% गेहूं की फसल सूखे के चलते प्रभावित हुई है.
जिला मंडी की बात करें तो यहां पर 71,308 हेक्टेयर भूमि में फसलों की बिजाई की गई थी. जिनमें 10,473 हेक्टेयर भूमि पर फसल सूखे के कारण प्रभावित हुई है. जिसमें सबसे अधिक गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है. जिला मंडी में कृषि विभाग द्वारा सूखे के कारण फसलों को कुल नुकसान 7 करोड़ रुपए आंका आ गया है. मंडी जिला में 58 हजार 800 हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की बिजाई की गई थी. जिसमें 10 हजार 14 हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की फसल 30% प्रभावित हुई है. जिसमें करीब 5 करोड़ 60 लाख रुपए का नुकसान आंका गया है.
इसके अलावा मंडी जिला में जो की फसल 2,900 हेक्टेयर भूमि पर बोई गई थी और 62 हेक्टेयर भूमि पर जौ की फसल प्रभावित हुई है. जिसमें 4 लाख 26 हजार रुपए का नुकसान हुआ है. मंडी में 4,940 हेक्टेयर भूमि पर दाल बोई गई थी. जिसमें 154 हेक्टेयर भूमि पर फसल प्रभावित हुई है और 58 लाख रुपए का नुकसान हुआ है. इसके अलावा 4,000 हेक्टेयर भूमि पर सब्जी उगाई गई थी और 235 हेक्टेयर भूमि पर फसल सूखे से प्रभावित हुई है. जिसमें 80 लाख रुपए का नुकसान हुआ है.