प्रयागराज:महाकुंभ 2025 में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को संगम नगरी के नन्हें कलाकार 12 साल के अशित साईं और 7 साल के कुमार आरव साईं द्वारा गाया गया महाकुंभ थीम सांग "चलो प्रयागराज महाकुंभ चलें" सुनाई दे रहा है. खास बात यह है कि यह थीम सांग इन नन्हें कलाकारों ने सिर्फ खुद लिखा है, बल्कि इसे खुद ही कंपोज भी किया है.
इस गीत का विमोचन पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जवीर सिंह और मंडल रेल प्रबंधक हिमांशु बडोनी ने किया है. इस गीत के विमोचन के बाद ईटीवी से बातचीत में 7 साल के आरव ने बताया कि न्यूज़ देखते-देखते हम दोनों भाइयों का मन हुआ कि क्यों न हम भी महाकुंभ के ऊपर कुछ लिखें. करोड़ों श्रद्धालु देश–दुनिया से महाकुंभ में स्नान करने आ रहे हैं. सभी अपने-अपने तरीके से आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं की सेवा कर रहे हैं. हमें लगा कि हम अपने गीत के माध्यम से आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए कोई संदेश दे पाए तो यह हमारे लिए सौभाग्य की बात होगी.
12 साल के आशित ने कि बताया कि देश–दुनिया से करोड़ों श्रद्धालु महाकुंभ में स्नान करने आ रहे हैं तो क्यों ना हम महाकुंभ में लोगों को आमंत्रित करने के लिए और एक थीम सॉन्ग लिखें. हमने इस गीत को खुद ही लिखा और उसे कंपोज किया है, म्यूजिक भी खुद ही दिया है.
मंडल रेल प्रबंधक ने बताया कि ये बाल कलाकार पहले भी कई बड़े मंचों पर अपनी प्रस्तुतियां दे चुके हैं. यही नहीं अशित ने उत्तर प्रदेश संगीत नाट्य अकादमी की शास्त्रीय संगीत प्रतियोगिता में प्रथम स्थान हासिल किया है. उनका यह गीत प्रयागराज की त्रिवेणी गंगा, यमुना और सरस्वती के प्रति श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है. यह थीम सॉन्ग आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को प्रयागराज की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर से परिचित कराएगा.
7 साल की उम्र से म्यूजिक कंपोज कर रहा अशित:अशित साईं ने बताया कि पिछले 7 सालों से वह म्यूजिक कंपोज कर रहा है और म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट पर रिहर्सल कर रहा है. इस सफर में उसके पिता वीरेंद्र कुमार और मां प्रतिमा तिवारी ने हर कदम पर सहयोग किया है. मार्गदर्शन दिया है. अशित का छोटा भाई कुमार आरव साईं 2 साल से गाने गा रहा है. दोनों भाइयों ने अपने घर में ही एक छोटा सा स्टूडियो बना रखा है, जहां हर दिन 2 घंटे साइन ब्रदर्स रिहर्सल करते हैं.
कई इंस्ट्रूमेंट भी बजा लेते हैं अशित:अशित के पिता वीरेंद्र कुमार ने बताया कि पियानो, गिटार, मेडोलिका, मेडाेलिन, सिंथेसाइजर, पियानो जैसे इंस्ट्रूमेंट्स बजाते हैं. साईं ब्रदर्स ने स्वच्छता जैसे विषयों पर भी थीम सांग गाया है. काशी विश्वनाथ मंदिर, अयोध्या राम लला मंदिर, शिरडी साई बाबा, ताज महोत्सव, उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी, एनसीजेडसीसी आदि राष्ट्रीय मंचों पर खुद के लिखे और कंपोज किए गीत और भजन गा चुके हैं. इन्होंने अब तक 6 गीत समाज के लिए बनाए हैं. इनमें मतदाता जागरूकता और यातायात जागरूकता को लेकर गीत शामिल हैं’ दोनों नन्हें कलाकारों को अबतक कई अवार्ड भी मिल चुके हैं.
लक्ष्मीकांत प्यारेलाल हैं आदर्श:अशित ने बताया कि लक्ष्मीकांत प्यारेलाला का संगीत उसे सबसे ज्यादा पसंद है. लक्ष्मीकांत से मिलना उसका सपना है. वह बड़े होकर संगीत को करियर के रूप में अपनाएगा. बड़ा संगीतकार बनना उसका सपना है. अशित का कहना है कि उसके लिखे गीत जब लोगों को पसंद आते हैं तो काफी सुकून मिलता है. लगता है कि हम समाज के लिए और लोगों को इंटरटेन करने के लिए कुछ कर पा रहे हैं.