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गुरुग्राम और मानेसर नगर निगम चुनाव में इन दावेदारों में होड़, किसे मिलेगा टिकट ? - LOCAL BODY ELECTION HARYANA

गुरुग्राम और मानेसर नगरनिगम चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के संभावित उम्मीदवारों की लिस्ट यहां देखिए.

GURUGRAM NAGAR NIGAM ELECTION
नगर निगम चुनाव में इन दावेदारों में होड़ (ETV Bharat)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Feb 6, 2025, 8:44 PM IST

गुरुग्राम:हरियाणा में नगर निकाय चुनाव का बिगुल बज चुका है. इस बार नगर निगम चुनाव में मेयर का डायरेक्ट चुनाव है, यानी जनता सीधे ही अपने मेयर को वोट कर उसे जीता सकती है. ऐसे में साइबर सिटी पर चुनावी रंग चढ़ने लगा है. नगर निगम चुनाव की घोषणा के साथ ही शहर में चुनावी सरगर्मियां बढ़ गई है.

गुरुग्राम नगर निगम में 36 तो मानेसर में 20 वार्ड : इस बार गुरुग्राम नगर निगम में 36 वार्ड तो मानेसर नगर निगम में 20 वार्ड बनाए गए हैं. दोनों नगर निगम में पोस्टर के जरिए मेयर से लेकर पार्षद पद के दावेदार अपनी दावेदारी पुख्ता करने लगे हैं. दोनों नगर निगम में पहली बार मेयर का चुनाव डायरेक्ट होगा. लिहाजा इस बार का चुनाव कई मायनों में अहम होगा. इस चुनाव की खास बात ये होगी कि प्रदेश में जीत की हैट्रिक लगाकर सत्तासीन हुई भाजपा के एक केंद्रीय मंत्री और एक प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सहित 3 विधायकों की साख दांव पर लगी है.

नगर निगम चुनाव में इन दावेदारों में होड़ (ETV Bharat)

पटौदी, हैलीमंडी और फर्रूखनगर में भी चुनाव : गुरुग्राम प्रदेश का ऐसा पहला जिला है, जिसमें दो नगर निगम, दो नगर परिषद और एक नगर पालिका है. नगर निकाय के हिसाब से सभी जगह पर चुनाव होने हैं. पूरा जिला एक ही लोकसभा क्षेत्र में आता है. गुरुग्राम और मनेसर दोनों नगर निगम में दो मेयर पद, सोहना, पटौदी, जाटोली मंडी नगर परिषद में चेयरमैन चुने जाएंगे.

केंद्रीय मंत्री और कैबिनेट मंत्री का रहेगा बड़ा रोल : नगर निकाय चुनाव में केंद्रीय राज्य मंत्री, गुरुग्राम से सांसद राव इंद्रजीत सिंह और हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह की अहम भूमिका रहती है. दोनों नेताओं के समर्थक भारी संख्या में है. जो टिकट की दावेदारी भी कर रहे हैं, लेकिन दोनों ही बीजेपी से तालुकात रखते हैं. इसलिए बीजेपी किस नेता को तवज्जो देती है और किसके समर्थकों को ज्यादा तवज्जो देगी, ये तो वक्त ही बताएगा.

अब तक राव इंद्रजीत का पलड़ा रहा है भारी : गुरुग्राम नगर निगम का गठन साल 2008 में हुआ था, लेकिन निगम का पहला चुनाव 2011 में हुआ, जिसमें केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह का दबदबा रहा है. हालांकि पिछले दो चुनाव में मेयर का चुनाव सीधे तौर पर नहीं हुआ, लेकिन राव इंद्रजीत ने अपनी पूरी हनक दिखाते हुए मेयर पद अपने पाले में ही रखा. 2017 में हुआ चुनाव सीधे तौर पर भाजपा बनाम भाजपा रहा, जिसमें बाजी राव इंद्रजीत के ही हाथ लगी. राव इंद्रजीत और प्रदेश में कैबिनेट मंत्री राव नरबीर के बीच हुई वर्चस्व की जंग में जीत राव इंद्रजीत सिंह को मिली. उन्होंने कांग्रेस के पार्षदों की क्रॉस वोटिंग कराकर अपने चहेते कार्यकर्ता को मेयर बनवाया. इस चुनाव में भले ही 35 में से 13 पार्षद बीजेपी के जीते हों, लेकिन बाद में निर्दलीय पार्षदों को उन्होंने भाजपा में शामिल करवाया. मेयर पद और डिप्टी मेयर पद को राव इंद्रजीत के इशारों पर ही भरा गया. मेयर मधु आजाद तो डिप्टी मेयर सुनीता यादव को चुना गया था. जबकि सीनियर डिप्टी मेयर कांग्रेस नेता गजेसिंह कबलाना की धर्मपत्नी प्रोमिला कबलाना को भी राव इंद्रजीत के इशारों पर ही दिया गया था.

अधिकरतर नेता भाजपा का मांग रहे टिकट : टिकट के दावेदारों की बीजेपी के पास लंबी सूची है. निगम चुनाव घोषणा के साथ ही मेयर टिकट और पार्षदों की टिकट को लेकर भारतीय जनता पार्टी के पास फिलहाल सबसे लंबी सूची है. पार्षद के टिकट के लिए बीजेपी के पास 500 से अधिक उम्मीदवारों ने आवेदन किया हुआ है, जबकि मेयर पद की टिकट के लिए 50 से अधिक उम्मीदवारों ने आवेदन किया हुआ है.

गुरुग्राम में बीसी-ए महिला तो मानेसर में ओपन है मेयर का चुनाव : प्रदेश में नगर निकाय चुनाव के लिए आरक्षण की प्रक्रिया पहले ही पूरी की जा चुकी है. गुरुग्राम नगर निगम में मेयर पद को इस बार बीसी-ए की महिला के लिए आरक्षित किया गया है. जबकि मानेसर नगर निगम में मेयर पद ओपन रखा गया है. यानी यहां किसी भी वर्ग जाति समुदाय का महिला पुरुष मेयर पद पर चुनाव लड़ सकता है.

गुरुग्राम से मेयर पद की ये कर रहे दावेदारी : गुरुग्राम में मेयर पद के चुनाव में बीसीए महिला आरक्षित सीट है, जिसमें भाजपा की तरफ से महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष उषा प्रियदर्शनी दावेदारी ठोक रही हैं. वहीं भाजपा के नेता प्रवीण वशिष्ठ की पुत्रवधू शीतल स्वामी भी भाजपा काा टिकट मांग रही हैं. शीतल स्वामी बीसीए महिला आरक्षित कैटेगरी में फिट बैठ रही हैं तो वहीं प्रवीण वशिष्ठ लंबे समय से बीजेपी से जुड़े हुए हैं. जिले में कई पद पर भी रह चुके हैं. वहीं भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष तिलक राज मल्होत्रा की धर्मपत्नी राजरानी मल्होत्रा भी टिकट की दावेदारी पेश कर रही हैं.

मानेसर में मेयर पद के लिए लंबी है दावेदारों की लिस्ट : मानेसर नगर निगम का ये पहला चुनाव है और मानेसर नगर निगम का चुनाव ओपन कैटेगरी में होना है. मानेसर यादव बहुमूल्य क्षेत्र है. इसलिए यहां कैंडिडेट की संख्या भी ज्यादा है. भाजपा की बात करें तो भाजपा से सरपंच संगठन के अध्यक्ष सुंदर लाल यादव मेयर पद की दावेदारी ठोक रहे हैं. वहीं राव इंद्रजीत के खास वीरेंद्र सिंह हबलू भी प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. उसके साथ ही पवन यादव, राव नरबीर सिंह के समर्थक देवेंद्र सिंह शिकोहपुर भी टिकट की मांग कर रहे हैं.

निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनावी मैदान में : मानेसर नगर निगम में निर्दलीय उम्मीदवार भी मजबूती से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं, जिसमें डॉक्टर इंद्रजीत यादव जो लंबे समय से मानेसर में एक्टिव है और जनता के बीच में बने हुए हैं. उन्होंने ऐलान कर दिया है कि वो चुनाव लड़ेंगे. साथ ही वजीरपुर से डॉक्टर विजय सिंह नंबरदार भी चुनावी मैदान में उतर चुके हैं. उन्होंने भी ये साफ कर दिया है कि अगर कोई पार्टी टिकट देती है तो ठीक, नहीं तो वो निर्दलीय ही चुनावी मैदान में उतरेंगे.

इतने मतदाता चुनेंगे सरकार : गुरुग्राम में पहली बार 8,97,905 मतदाता सीधे तौर पर अपना मेयर चुनेंगे. गुरुग्राम नगर निगम का एरिया तीन विधानसभाओं को मिलकर बना है, जिसमें गुरुग्राम, बादशाहपुर और सोहना विधानसभा का एरिया भी शामिल है. एरिया बड़ा होने से वोटर की संख्या भी ज्यादा हो गई है. इसलिए किसी भी प्रत्याशी के लिए गुरुग्राम नगर निगम का चुनाव आसान नहीं होगा. वहीं मानेसर नगर निगम का ये पहला चुनाव है. मानेसर निगम में मतदाताओं की संख्या एक लाख 31 हजार 757 है. वहीं गुरुग्राम में 721 पोलिंग बूथ है तो मानेसर में 69 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं.

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