रायपुर:शराब की कीमतों में सरकार ने इजाफा कर दिया है. साथ ही सरकार ने अब ये व्यवस्था की है कि शराब पीने वाले लोग डिजिटल पेमेंट के जरिए भी शराब खरीद सकते हैं. डिजिटल पेमेंट की सुविधा मुहैया कराने के लिए बाकायदा दुकानों को हाईटेक किया जा रहा है. विपक्ष की भूमिका निभा रही कांग्रेस ने अब सरकार को इस मुद्दे पर घेरना शुरु कर दिया है. विपक्ष ने पूछा है कि सरकार शराबबंदी के अपने वादे पर अपना रुख साफ करे.
शराबबंदी पर बदले सरकार के सुर: कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी जब विपक्ष में थी तब उसने शराबबंदी की मांग उठाई थी. अब बीजेपी सत्ता पर काबिज है. कांग्रेस का आरोप है कि शराबबंदी की बात करना तो दूर बीजेपी की सरकार शराब बिक्री को बढ़ावा देने में जुट गई है. दुकानों पर डिजिटल पेमेंट की सुविधा दी जा रही है. शराब दुकानों पर डिजिटल पेमेंट होने से एक एक बोतल की बिक्री का पूरा हिसाब छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड को मिलता रहेगा. डिजिटल पेमेंट होने से आंकड़ों का भी हिसाब रहेगा और रेवेन्यू का रिकार्ड मिलाना आसान होगा. कांग्रेस का आरोप है कि सरकार ने आय बढ़ाने के लिए शराब की कीमतों में इजाफा किया है. आबकारी विभाग ने शराब की कीमतों में दस रुपए से लेकर 200 रुपए तक की बढ़ोत्तरी की है.
शराबबंदी हमारे लिए पॉलीटिकल एजेंडा नहीं है. शराबबंदी होना चाहिए और चुनाव के पहले हमने यह वादा भी किया था. सत्ता में आने के बाद शराबबंदी की जाएगी लेकिन जब हम सता में आए तो समझ आया कि एक साथ शराबबंदी लागू नहीं की जा सकती, इसके दुष्परिणाम भी सामने आ सकते हैं. शराबबंदी के बाद कोई वैकल्पिक नशा लोगों के लिए मौत का काल बन सकती थी. इसलिए सरकार ने लोगों को शराब छोड़ने के लिए प्रेरित किया. जन जागरूकता अभियान चलाया. चरणबद्ध तरीके से कई शराब दुकानों को बंद किया गया. शराब दुकानें बंद होने से शराब की खपत में कमी आई. बीजेपी की सरकार जब से आई है वो शराबबंदी पर कोई बात नहीं कर रही है. कोचिए के जरिए गली कूचों में शराब बेची जा रही है. अब तो एयर कंडीशन आहाता बनाया जा रहा है. बीजेपी को शराब की काली कमाई का मोह लग चुका है. - सुशील आनंद शुक्ला प्रदेश अध्यक्ष मीडिया विभाग कांग्रेस