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Delhi: LG वीके सक्सेना ने महरौली के योगमाया मंदिर में किए दर्शन, छत्र और पारंपरिक पंखा चढ़ाया

-उपराज्यपाल वीके सक्सेना का महरौली दौरा -दिल्ली एलजी ने योगमाया मंदिर किए दर्शन -ख्वाजा बख्तियार काकी की दरगाह पर चादर चढाये

LG VK Saxena visited Yogmaya temple after reaching Mehrauli, offered umbrella and traditional fan
LG वीके सक्सेना ने महरौली पहुंचकर योग माया मंदिर में किए दर्शन, छत्र और पारंपरिक पंखा चढ़ाया (ETV Bharat)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : 3 hours ago

दिल्ली:दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना देर शाम महरौली पहुंचे. जहां उन्होंने योगमाया मंदिर में फूलों का छत्र और पारंपरिक पंखा चढ़ाया. इस दौरान उपराज्यपाल ने महरौली इलाके का दौरा किया है. विनय कुमार सक्सेना ने खुद इस बात की जानकारी एक्स पर दी. उन्होंने एक्स पर लिखा कि आज फूल वालों की सैर के अवसर पर महरौली स्थित माता योगमाया मंदिर में फूलों का छत्र और पारंपरिक पंखा चढ़ाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. मां से हर भारतीय के सुख, समृद्धि और आरोग्य की कामना की. यहां कलाकारों द्वारा प्रस्तुत रासलीला का मनमोहक मंचन देखकर अत्यंत आनंद की अनुभूति हुई.

उन्होंने कहा कि इससे पहले ख्वाजा बख्तियार काकी की दरगाह पर फूलों की चादर चढ़ाकर देश की तरक्की और सलामती की दुआ मांगी. भारत ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ के भाव से आगे बढ़ता रहे, इसी की कामना की. इस अवसर पर मंत्रमुग्ध करने वाली कव्वालियों ने समावेशी संस्कृति की झलक प्रस्तुत की. फूल वालों की सैर दिल्ली का ऐसा उत्सव है, जिसमें भारत की मिश्रित संस्कृति, स्नेह, भाईचारा और एकता का अद्भुत संगम देखने को मिलता है. विविधता में एकता के प्रतीक इस उत्सव की महक यूं ही बिखरती रहे.

बता दें कि आगामी दिवाली के त्योहार को देखते हुए उपराज्यपाल वीके सक्सेना दिल्ली में जगह-जगह दौरा कर रहे हैं. इसी के तहत वह महरौली पहुंचे और उन्होंने योगमाया मंदिर में दर्शन कर फूलों का छत्र चढ़ाया. मंदिर में दर्शन करने के बाद कुछ फोटो उन्होंने सोशल मीडिया पर भी शेयर किया.

योग्यमाया मंदिर प्राचीन सिद्धपीठ मंदिर:बता दें कि दिल्ली के महरौली स्थित योग्यमाया मंदिर प्राचीन सिद्धपीठ मंदिर है जहां रोजाना हजारों श्रद्धालु आते हैं. यह मंदिर देवी योगमाया को समर्पित है. ऐसा माना जाता है कि योगमाया मंदिर उन पांच मंदिरों में से एक है, जो महाभारत काल से हैं. इसकी स्थापना पांडवों ने की थी. मान्यता तो यह भी है कि भगवान कृष्ण ने यहां पर पूजा की थी. योगमाया भगवान कृष्ण की बड़ी बहन थीं. पांडवों ने उन्हीं के वरदान से विजय गाथा लिखी थी.

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