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कुशीनगर मूर्ति विवाद: पुलिस ने 11 साल के बच्चे समेत बुजुर्गों और महिलाओं को भेजा जेल, दुधमुंहे बच्चे परेशान

पुलिस पर घर में बुलडोजर चलाने की धमकी देने का आरोप. कई लोग घर छोड़ कर फरार हो गए हैं.

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 4 hours ago

Kushinagar Statue Dispute.
Kushinagar Statue Dispute. (Photo Credit: ETV Bharat)

कुशीनगर :कोतवाली पड़रौना क्षेत्र में बीते सात अक्टूबर को मां दुर्गा की प्रतिमा ले जाते समय दो समुदायों के लोगों के बीच भिड़ंत मामले में पुलिस की कार्रवाई सवालों के घेरे में आ गई है. पुलिस ने आरोपियों को जेल भेजने के नाम पर 11 साल के बच्चे समेत बुजुर्ग और महिलाओं को जेल भेज दिया है. इस मामले में लगभग 150 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया है. हालांकि विवाद के बाद पुलिस ने महिलाओं, नाबालिग बच्चों समेत 33 लोगों को जेल भेजा था. इससे पड़रौना छावनी क्षेत्र के लोगों में दशहत का माहौल है और कई लोग घर से फरार हो गए हैं.

बता दें, बीते सात अक्टूबर को दुर्गा प्रतिमा की शोभायात्रा निकालते समय गाने को लेकर मुस्लिम बाहुल्य इलाके में विवाद हो गया था. इस दौरान दोनों गुटों में मारपीट हो गई थी. हिन्दू पक्ष का आरोप था कि समुदाय विशेष ने दुर्गा प्रतिमा पर ईंट-पत्थर चलाए थे. इससे प्रतिमा खंडित हो गई थी. इस मामले में पुलिस ने मौके से 10 युवकों को हिरासत में लिया था. इसके बाद 8 अक्टूबर को पुलिस ने 33 लोगों पर कार्रवाई कर दी.

इमामुद्दीन अली का कहना है कि डीजे पर विवादित गाना बजाय जा रहा था. इसी का विरोध कुछ युवकों ने किया था. मौके पर कोई पुलिस नहीं थी. जिन्होंने अपराध किया हो उनको सजा हो, लेकिन पुलिस दुधमुंहे बच्चों वाली महिलाओं, बुजुर्गों, 11 व 12 साल के बच्चों को भी जेल भेज दिया है. हमारी बात कोई सुनने वाला नहीं है. सबरा ने बताया कि पुलिस हम लोगों के घर में घुस कर बच्चों और बहुओं को पकड़ ले जा रही. घरों को बुलडोजर से गिरवाने की धमकी दी जा रही है. अजहर ने बताया कि मेरी पत्नी मोहल्ले में शोर सुनकर बाहर आई थी. पुलिस ने उसे भी उठा ले गई है. अब तीन मासूम बच्चों की देखभाल को लेकर परेशान हूं. छोटा बच्चा मां के दूध के लिए तरस गया है.


पत्रकार को भी पुलिस ने भेजा जेल

नाम न बताने के शर्त पर स्थानीय लोगों ने कहा कि पुलिस ने एक दैनिक अखबार के जिला प्रभारी को भी जेल भेज दिया है. जबकि वह घटना के समय वहां मौजूद भी नहीं था. पत्रकार सारी घटना खत्म होने के बाद मौके पर पहुंचा था, लेकिन पुलिस देर रात उसे कार्यालय से उठा ले गई. कुछ पत्रकारों ने कोतवाल से बात की तो उनके साथ बदसुलूकी की गई. इस बात को लेकर पुलिस अधीक्षक की प्रेस कांफ्रेंस का बहिष्कार भी हुआ था.

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