शिमला:लंबे इंतजार के बाद हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति आयोग का गठन किया गया है. पूर्व मंत्री कुलदीप कुमार को इस आयोग का चेयरमैन नियुक्त किया गया है. हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति आयोग का ऑफिस ऊना रहेगा. इसके साथ ही कांगड़ा जिला के ज्वाली से संबंध रखने वाले दिग्विजय मल्होत्रा को अनुसूचित जाति आयोग का सदस्य लगाया गया है.
इसको लेकर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सचिव आशीष सिंह ने अधिसूचना जारी कर दी है. बता दें कुलदीप कुमार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं. वह पूर्व की कांग्रेस की वीरभद्र सरकार में मंत्री रहने के साथ संगठन में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं. ऐसे में उनके लंबे अनुभव को देखते हुए सुक्खू सरकार ने कुलदीप कुमार को नई जिम्मेवारी सौंपी है.
वीरभद्र सरकार में रहे उद्योग मंत्री
हिमाचल में लंबे समय से निगम, बोर्डों और आयोग में चेयरमैन और वाइस चेयरमैन की नियुक्ति की मांग उठ रही है. कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह भी पार्टी के प्रति निष्ठावान कार्यकर्ताओं को सरकार में महत्वपूर्ण जिम्मेवारी दिए जाने की मांग उठा चुकी है. ऐसे में अब लंबे समय बाद हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति आयोग का गठन हुआ है जिसका चेयरमैन कुलदीप कुमार को नियुक्त किया गया है.
कुलदीप कुमार चिंतपूर्णी और गगरेट से चार बार विधायक रह चुके हैं. हिमाचल में पूर्व में रही कांग्रेस की वीरभद्र सरकार में वे उद्योग मंत्री रह चुके हैं. इसके अलावा वह कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं. वहीं, कुलदीप कुमार वित्त आयोग के चेयरमैन भी रह चुके हैं. इस तरह सरकार और संगठन में विभिन्न पदों पर दी गई उनकी सेवाओं को देखते हुए सुक्खू सरकार ने उन्हें अनुसूचित जाति आयोग का चेयरमैन नियुक्त किया है.
निगमों और बोर्डों में भी ताजपोशी के आसार
हिमाचल में सुक्खू सरकार को बने हुए 22 महीने हो गए हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 11 दिसंबर को मुख्यमंत्री की शपथ ली थी. ऐसे में अभी तक बहुत से निगमों और बोर्डों में चेयरमैन और वाइस चेयरमैन की नियुक्ति होने को है. हरियाणा में 1 अक्टूबर को विधानसभा के लिए मतदान होने के बाद सीएम सुक्खू दिल्ली दौरे पर गए थे.
इस दौरान उन्होंने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सहित राष्ट्रीय स्तर के कई वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की थी. इस दौरान हाईकमान से निगमों और बोर्डों में नियुक्तियों को लेकर भी सीएम सुक्खू की चर्चा हुई थी. ऐसे में संभव है कि आने वाले दिनों में निगमों और बोर्डों में चेयरमैन और वाइस चेयरमैन की नियुक्ति कर कई पार्टी नेताओं को एडजेस्ट किया जा सकता है.
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