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निगम बनाने के विरोध में पीएचईडी कर्मचारी, मौन रैली निकाल कर सरकार को दिया अल्टीमेटम - employees protest - EMPLOYEES PROTEST

राज्य सरकार के राजस्थान वॉटर सप्लाई एंड सीवरेज कॉरपोरेशन (आरडब्ल्यूएसएससी) बनाने के फैसले का विरोध बढ़ता जा रहा है. जयपुर के बाद कोटा में भी कर्मचारियों ने इसका विरोध किया और मौन जुलूस निकाला.कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि 5 दिन में फैसले पर निर्णय नहीं किया तो वे आंदोलन की राह पकड़ेंगे.

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निगम बनाने के विरोध में पीएचईडी कर्मचारी (PHOTO ETV Bharat Kota)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 24, 2024, 3:22 PM IST

निगम बनाने के विरोध में पीएचईडी कर्मचारी (VIDEO ETV Bharat Kota)

कोटा.जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) के कर्मचारी राज्य सरकार के राजस्थान वॉटर सप्लाई एंड सीवरेज कॉरपोरेशन (आरडब्ल्यूएसएससी) बनाने के फैसले के विरोध में उतर गए हैं. आरडब्ल्यूएसएससी कॉर्पोरेशन बनने के बाद सभी जलदाय कर्मी इसी के अधीन हो जाएंगे. ऐसे में कोटा में बुधवार को कॉरपोरेशन बनाने को निजीकरण बताते हुए कर्मचारी विरोध में उतर आए.

जलदाय विभाग के कर्मचारी सुबह 10 बजे पीएचईडी के एडिशनल चीफ इंजीनियर ऑफिस दादाबाड़ी में एकत्रित हुए. उसके बाद उन्होंने राज्य सरकार के खिलाफ एडिशनल चीफ ऑफिस पर ही जमकर नारेबाजी की. इस फैसले को जन विरोधी बताया और कहा कि 5 दिन में यदि इस फैसले को वापस लेने का निर्णय नहीं किया गया तो कर्मचारी यूनियन आंदोलन पर उतर जाएंगे और कर्मचारियों द्वारा अनिश्चितकालीन हड़ताल कर दी जाएगी.

पढ़ें: जलदाय विभाग के निजीकरण के विरोध में अधिकारी और कर्मचारी संगठन लामबंद, सरकार को 7 दिन का अल्टीमेटम

इस फैसले के विरोध में बनी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक डीपी चौधरी ने बताया कि इस विरोध प्रदर्शन के बाद मौन जुलूस के रूप में सीएडी सर्किल स्थित कमिश्नर ऑफिस पहुंचे और वहां पर मुख्यमंत्री के नाम का कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा. प्रदर्शन में पीएचईडी, रेसा, रीम, राजस्थान कौंसिल ऑफ डिप्लोमा इंजीनियर्स, राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ, प्रदेश जलदाय कर्मचारी महासंघ, राजस्थान पीएचईडी तकनीकी कर्मचारी संघ, प्रांतीय नल मजदूर यूनियन, राजस्थान स्टेनोग्राफर संघ पीएचईडी, सहायक कर्मचारी संघ पीएचईडी, ड्रिलिंग हैंडपंप अभियांत्रिकी कर्मचारी संघ, मजदूर यूनियन इंटक राजस्थान, भारतीय जलदाय कर्मचारी महासंघ समेत अन्य संगठनों के कर्मचारी शामिल हुए हैं.

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