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Rajasthan: ट्रेन ऑन डिमांड चलाने में कोटा रेल मंडल रहा फिसड्डी, लंबी वेटिंग के बावजूद नहीं चला पा रहे Train

ट्रेन ऑन डिमांड चलाने में कोटा रेल मंडल रहा फिसड्डी. लंबी वेटिंग के बावजूद नहीं चला पा रहे ट्रेन. दूसरे मंडलों ने चलाई कई ट्रेनें.

Kota Railway Division
लंबी वेटिंग के बावजूद नहीं चला पा रहे ट्रेन (ETV Bharat GFX)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 4 hours ago

कोटा: कोचिंग स्टूडेंट के अवकाश 26 अक्टूबर से लगने वाले हैं, लेकिन ट्रेनों में जगह नहीं मिलने के चलते पहले से ही स्टूडेंट जाने लग गए हैं. यहां तक कि बसों में बढ़े हुए किराए से भी यह लोग सफर कर रहे हैं. ट्रेनों में भी जैसे-तैसे तत्काल में टिकट लेने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन कोटा रेल मंडल ने अभी तक ट्रेन ऑन डिमांड के रूप में इन स्टूडेंट की मदद के लिए ट्रेन नहीं चलाई है. जबकि दूसरे रेल मंडल ट्रेनों को चलाने के लिए काफी एक्टिव रहे हैं.

उन्होंने ज्यादा वेटिंग वाले रूट पर अतिरिक्त ट्रेन चलाकर यात्रियों को राहत देने का प्रयास किया है. इन अतिरिक्त चलाई जा रही ट्रेनों में भी काफी यात्री भी जा रहे है. उनकी भी वेटिंग की लंबी सूची हो गई है, लेकिन अभी भी कोटा रेल मंडल ने एक भी अतिरिक्त ट्रेन फेस्टिवल के लिए नहीं चलाई है.

अहमदाबाद, जोधपुर व वड़ोदरा रेल मंडल ने चलाई ट्रेन :जोधपुर रेल मंडल ने सीधे रूट को दरकिनार करते हुए जयपुर और कोटा होते हुए पुणे के लिए ट्रेन ऑन डिमांड चला दी है. जबकि उनका शॉर्ट रूट अहमदाबाद होते हुए था. ऐसे में कोटा और जयपुर के यात्री भार को भी वे लेकर जा रहे हैं. इसी तरह से अहमदाबाद रेल मंडल ने भी यूपी के बढ़े हुए यात्री भार को ध्यान में रखते हुए ट्रेन ऑन डिमांड के रूप में अहमदाबाद-बनारस स्पेशल ट्रेन चला दी है.

पढ़ें :Rajasthan: अहमदाबाद से बनारस के बीच दिवाली पर ट्रेन ऑन डिमांड, कोटा के यात्रियों को भी यूपी का सफर तय करने में मिलेगी राहत

इसी तरह से वड़ोदरा-सियालदह, वड़ोदरा-मऊ व गांधीधाम-भागलपुर सहित कई स्पेशल ट्रेन भी चलाई जा रही है. इन ट्रेनों में अधिकांश में एक तरफ पूरा ट्रैफिक मिल जाता है. ऐसे में इनका किराया भी ज्यादा रहता है. इसलिए रेलवे को नुकसान भी नहीं होता और यात्रियों को भी सुविधा मिल जाती है.

मुख्य रूप से यूपी और बिहार की तरफ यात्री भार : कोटा रेल मंडल के रेलवे उपयोगकर्ता सलाहकार समिति के सदस्य धीरज गुप्ता तेज का कहना है कि शैक्षणिक नगरी होने से कोटा में कोचिंग स्टूडेंट बड़ी तादाद में त्योहार के अवसर पर अपने घरों पर जाते हैं. इसके साथ औद्योगिक नगरी होने के चलते बिहारी मजदूर भी बड़ी संख्या में बिहार की तरफ सफर करते हैं. कोटा की मंडी में भी बड़ी संख्या में बिहारी मजदूर हैं. ऐसे में सभी लोगों को राहत देने के लिए बिहार और उत्तर प्रदेश की तरफ ट्रेन ऑन डिमांड के रूप में फेस्टिवल स्पेशल चलाई जा सकती है. बच्चों की छुट्टियां 26 अक्टूबर से लग गईं, ऐसे में समय से ही इस ट्रेन को चलाया जाना चाहिए था, अन्यथा बाद में यात्री भार नहीं मिलेगा.

यह है दिल्ली, बिहार और यूपी के रूट की स्थिति : कोटा से दिल्ली की तरफ चलने वाली ट्रेनों में बांद्रा टर्मिनस से हरिद्वार एक्सप्रेस में रिजर्वेशन रिग्रेट है. यह शुक्रवार को से ही दिवाली के बाद तक भी रिग्रेट है. यही स्थिति पश्चिम एक्सप्रेस, गोल्डन टेंपल मेल, सर्वोदय एक्सप्रेस व नई दिल्ली दुरंतो में भी बनी हुई है. जबकि कोटा-देहरादून नंदा देवी एक्सप्रेस, कोचुवेली-योग नगरी ऋषिकेश, निजामुद्दीन जनशताब्दी, सोगरिया नई दिल्ली व कोटा श्री माता वैष्णो देवी एक्सप्रेस में भी है.

कोटा से पटना जाने वाली गुवाहाटी एक्सप्रेस व कामाख्या एक्सप्रेस जैसी रूटीन की रेल गाड़ियों में रिग्रेट की स्थिति है. कोटा से चलने वाली कोटा-पटना ट्रेन में थर्ड एसी में 227 तक वेटिंग है. इसी तरह से दूसरे रेल मंडलों की चलाई ट्रेनों फेस्टिवल स्पेशल व ट्रेन ऑन डिमांड में भी वेटिंग है. इनमें राजकोट-बरौनी स्पेशल में 244, बड़ौदा-सियालदह स्पेशल में 170, अहमदाबाद दानापुर स्पेशल में 163 तक वेटिंग है.

उत्तर प्रदेश जाने वाली अवध एक्सप्रेस व बांद्रा लखनऊ जंक्शन में रिजर्वेशन रिग्रेट किया हुआ है. दूसरे रेल मंडलों की चलाई फेस्टिवल स्पेशल में गांधीधाम-भागलपुर में 164, बड़ौदा-मऊ में 171, बड़ौदा-गोरखपुर स्पेशल में 164, बांद्रा टर्मिनस मंडल टाउन स्पेशल में 194 तक वेटिंग है.

इधर समय पर नहीं की घोषणा, तो यात्री ही नहीं पहुंचे ट्रेन में : कोटा रेल मंडल ने हाल ही में सेट एग्जाम को लेकर स्पेशल ट्रेन कोटा से सीकर के बीच चलाई थी, लेकिन यह ट्रेन को 23 अक्टूबर बुधवार को चलाया गया और रात को करीब 9:00 बजे के आसपास यह यहां से गई थी और अगले दिन गुरुवार सुबह 4:00 बजे सीकर से वापस रवाना हुई. यह दोपहर में कोटा पहुंची थी. उसे ट्रेन में आते और जाते समय यात्रियों की काफी कमी रही. महज 20 फ़ीसदी से भी काम यात्री ट्रेन में मौजूद थे, क्योंकि समय से यह ट्रेन चलाने की घोषणा नहीं की गई. ऐसे में अधिकांश स्टूडेंट्स को ही इस रूट पर यात्रा करनी थी, लेकिन यात्री पहुंचे ही नहीं.

मुझे लगता है, कोटा रेल मंडल का जबलपुर स्थित जोन के मुख्यालय से तालमेल नहीं है, इसलिए यह स्थिति बन रही है. समय नहीं बचा है, लेकिन त्वरित कोचिंग के छात्रों को भी राहत मिलनी चाहिए. कोटा से यूपी बिहार के लिए ट्रेन ऑन डिमांड फेस्टिवल पर चलनी चाहिए. वहीं अगली बार से रेल मंडल के अधिकारियों को एक माह पहले ही इसकी योजना कर लेनी चाहिए. इस सम्बंध में पत्र भी रेलवे अधिकारियों को लिखूंगा.- धीरज गुप्ता "तेज", सदस्य, रेलवे उपयोगकर्ता सलाहकार समिति कोटा रेल मंडल.

कोटा-दानापुर स्पेशल हर शनिवार को चल रही है. अब फेस्टिवल सीजन के चलते ट्रेन ऑन डिमांड चलाने के तहत चार ट्रिप अतिरिक्त चलाने का प्रपोजल मुख्यालय भेजा गया है. स्वीकृति मिलने पर इसे चला दिया जाएगा.- रोहित मालवीय, सीनियर डीसीएम, कोटा.

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