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मरीजों के लिए राहत, रेजिडेंट इमरजेंसी और ICU में देंगे सेवाएं, OPD का बहिष्कार रहेगा जारी - Jaipur SMS Hospital - JAIPUR SMS HOSPITAL

Kolkata Rape Case, कोलकाता डॉक्टर दूष्कर्म और हत्या को लेकर देश भर में डॉक्टरों का विरोध-प्रदर्शन जारी है. इस बीच मरीजों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है. रेजिडेंट डॉक्टर इमरजेंसी और ICU में सेवाएं देंगे, लेकिन ओपीडी का बहिष्कार जारी रहेगा.

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रेजिडेंट इमरजेंसी और ICU में देंगे सेवाएं (ETV Bharat Jaipur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 21, 2024, 6:38 PM IST

जयपुर: पश्चिम बंगाल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला रेजिडेंट डॉक्टर की निर्मम हत्या का विरोध पूरे देश में हो रहा है. इसी बीच 12 अगस्त को सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज से अटैच अस्पतालों में कार्यरत रेजिडेंट चिकित्सकों ने भी हड़ताल कर दी थी. हालांकि, कुछ दिन मेडिकल इमरजेंसी और ICU सेवाओं का भी बहिष्कार कर दिया गया था. इस दौरान सरकार और रेजिडेंट चिकित्सकों के बीच कई दौर की वार्ता हुई, लेकिन हड़ताल को लेकर कोई बीच का रास्ता नहीं निकल पाया. जिसके बाद बुधवार को एक बार फिर सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज प्रशासन और रेजिडेंट चिकित्सकों के बीच वार्ता हुई.

प्रदेश के मरीजों के लिए फिलहाल मामूली राहत मिली है, क्योंकि वार्ता के दौरान रेजिडेंट चिकित्सकों ने इमरजेंसी और ICU में सेवाएं देने के लिए राजी हो गए है. मामले को लेकर सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर दीपक माहेश्वरी ने बताया कि रेजिडेंट चिकित्सकों के साथ वार्ता हुई है और रेजिडेंट चिकित्सकों की जो भी मांगें हैं. सरकार को इस बारे में अवगत करवा दिया गया है और फिलहाल रेजिडेंट चिकित्सक OPD में अपनी सेवाएं नहीं देंगे, लेकिन आईसीयू और इमरजेंसी सुचारु रूप से शुरू हो जाएंगे.

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सरकार सुरक्षा दे : जयपुर असोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (जार्ड) के मीडिया एंड लीगल एडवाइजर डॉक्टर साकेत दाधीच ने बताया कि हमने एक मांग पत्र चिकित्सा मंत्री को भी सौंपा है. दाधीच ने बताया कि हमारी मांग है कि सरकार डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए तत्काल सख्त कदम उठाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो. बुधवार को हुई वार्ता के दौरान आठ मांगों से जुड़ा हुआ एक मांग पत्र भी रेजिडेंट चिकित्सकों ने सरकार के समक्ष रखा, जिसमें सुरक्षा के अलावा मेडिकल कॉलेज में नशे पर रोक को लेकर सख्त कदम उठाने की मांग की गई है. इसके अलावा कार्य बहिष्कार की अवधि को डे ऑफ में समायोजित करने की मांग रखी है और वेतन कटौती नहीं करने की बात कही गई है.

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