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रानी लक्ष्मीबाई मूर्ति विवाद पर हाईकोर्ट ने क्या कहा, जानिए - RANI LAXMIBAI statue Controversy - RANI LAXMIBAI STATUE CONTROVERSY

ईदगाह प्रबंधन कमेटी से दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि अपने प्रतिनिधियों को भेजकर देखें कि रानी लक्ष्मीबाई की प्रतिमा दूसरी जगह स्थापित की जा सकती है?

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रानी लक्ष्मीबाई मूर्ति विवाद पर हाईकोर्ट ने क्या कहा (Etv Bharat)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 4, 2024, 5:18 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट को शाही ईदगाह प्रबंधन कमेटी ने बताया कि ईदगाह पार्क में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की मूर्ति स्थापित की जा चुकी है. उन्होंने कोर्ट को बताया कि अल्पसंख्यक आयोग ने अपने प्रस्ताव में मूर्ति लगाने के लिए दो जगह चुनी थी, जिसे कभी भी चुनौती नहीं दी गई और अचानक से मूर्ति लगाने की जगह बदलकर शाही ईदगाह पार्क कर दिया गया.

हाईकोर्ट ने ईदगाह प्रबंधन कमेटी को अपने तीन प्रतिनिधि 5 अक्टूबर को ईदगाह पार्क जाकर देखने को कहा कि क्या झांसी की रानी की मूर्ति स्थापिति करने का कोई वैकल्पिक स्थान हो सकता है. मामले की अगली सुनवाई 7 अक्टूबर को होगी. सुनवाई के दौरान दिल्ली नगर निगम ने बताया कि झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की मूर्ति को स्थापित किया जा चुका है. उसे तीन तरफ से कवर किया जाएगा. यह मूर्ति ईदगाह की दीवार से दो सौ मीटर की दूरी पर लगाई गई है. दिल्ली नगर निगम के अल्पसंख्यक आयोग के प्रस्ताव पर कहा कि जिस प्रस्ताव की बात की जा रही है उसको पहले ही वापस ले लिया गया था.

सुनवाई के दौरान डीडीए ने कहा कि हम सबकी धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हैं. इसलिए मूर्ति को पार्क के कोने में स्थापित किया है. उस मूर्ति के चारों तरफ दीवार भी है. हालांकि, हाईकोर्ट ने ईदगाह प्रबंधन कमेटी को निर्देश दिया कि आप अपने तीन प्रतिनिधि 5 अक्टूबर को शाही ईदगाह पार्क भेजिए और बताइए कि क्या किसी जगह पर झांसी की रानी की प्रतिमा स्थापित की जा सकती है.

इसके पहले हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने ईदगाह पार्क में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की मूर्ति लगाने की इजाज़त देने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के सिंगल जज के फैसले को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ता को फटकार लगाई थी. चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था कि हम महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं और आप एक महिला सेनानी की मूर्ति लगाने पर आपत्ति जता रहे हैं.

हाईकोर्ट ने कहा था कि झांसी की रानी लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय हीरो हैं. उसको धार्मिक रूप नहीं देना चाहिए, वो सभी धार्मिक सीमाओं के परे वह एक राष्ट्रीय हीरो हैं. आप इसको धार्मिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं. डिवीजन बेंच ने कहा था कि याचिकाकर्ता सांप्रदायिक राजनीति कर रहे हैं और वे कोर्ट का इस्तेमाल कर रहे हैं. ये दुर्भाग्यपूर्ण है. सिंगल बेंच ने जो कहा है उसे पढ़िए,आप माफी मांगिए.

याचिका शाही ईदगाह प्रबंधन कमेटी ने दायर याचिका में कहा था कि शाही ईदगाह की जमीन पर अतिक्रमण पर रोक लगाई जाए, क्योंकि ये एक वक्फ संपत्ति है. याचिका में 1970 के गजट नोटिफिकेशन का जिक्र किया गया था. इसमें शाही ईदगाह पार्क को प्राचीन संपत्ति बताया गया था, जो मुगल काल में बनी थी. सिंगल बेंच ने याचिका खारिज करते हुए कहा था कि ईदगाह के बाउंड्री के चारों ओर का खुला इलाका और ईदगाह पार्क डीडीए की संपत्ति है.

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