लखनऊ: यूपी बीजेपी जिलाध्यक्ष पद के लिए नामांकन 10 जनवरी से शुरू हो रहे हैं. इस बार जिलाध्यक्ष पद के लिए हर कोई दावा नहीं कर सकेगा. इसके लिए बीजेपी की ओर से दो बड़ी शर्त रखी गईं हैं. इन शर्तों के चलते कई नेता इस पद की रेस से बाहर हो गए हैं. बता दें कि यूपी में 98 पदों पर बीजेपी जिलाध्यक्ष का चुनाव कराने जा रही है. बीजेपी की कोशिश है कि इन पदों पर निर्विरोध ही चुनाव हो ताकि पार्टी की एकजुटता का संदेश जाए.
पहली शर्त क्या है:भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी की ओर से स्पष्ट किया गया है कि इस बार जिलाध्यक्ष पद के लिए 60 साल से अधिक आयु वाले नेता दावा नहीं कर सकेंगे. ऐसे में बीजेपी के कई ऐसे मौजूदा जिलाध्यक्ष जो 60 वर्ष से अधिक हैं वह चिंता में पड़ गए हैं. ऐसे ही नेताओं में एक है रायबरेली में भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष बुद्धिलाल पासी. वह पिछली बार ही भाजपा के जिला अध्यक्ष बने थे. उनकी आयु 60 वर्ष से अधिक है. माना जा रहा है कि जो भी पिछली बार जिला अध्यक्ष बने थे उनमें कई को दोबारा मौका मिल सकता. अब 60 वर्ष से अधिक के आवेदन न स्वीकार किए जाने के नियम के चलते उनके जैसे कई जिलाध्यक्ष दोबारा दावा नहीं कर सकेंगे.
दूसरी शर्त क्या है:भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी की ओर से दूसरी शर्त यह स्पष्ट की गई है कि जिलाध्यक्ष पद के लिए आवेदन करने वाला कम से कम दो बार का सक्रिय सदस्य रहा हो. कुल मिलाकर इसके पीछे पार्टी की मंशा वरिष्ठ सदस्यों को तवज्जों देने की है ताकि नए और बाहर से आए नेता जिलाध्यक्ष पद के लिए दावा न कर सकें. बीजेपी के इस नियम के चलते नए और पार्टी का दामन थामने वाले बाहर से आए नेता जिलाध्यक्ष पद की रेस से बाहर हो गए हैं.