मेरठःआमतौर पर जब भी कहीं किसी तरह की आपदा आती है या फिर कोई बड़ा हादसा हो जाता है. उस वक़्त राहत और बचाव के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को तत्काल स्थिति को काबू पाने के लिए भेजा जाता है. अब उत्तर प्रदेश के SDRF के बेड़े में खासतौर से अब आपदा राहत बचाव दल के सदस्य हाईटेक गैजेट्स के उपयोग से जान माल की सुरक्षा कर सकते हैं. कई हाईटेक यंत्र तो ऐसे हैं जो अधिकतम टेम्प्रेचर में भी बिना रुकावट काम कर सकेंगे.
विक्टिम लोकेटिंग कैमरा:ईटीवी भारत से बातचीत के यूपी एसडीआरएफ के इंस्पेक्टर लालचंद्र ने बताया कि विक्टिम लोकेटिंग कैमरा बेहद ही अद्भुत और हाइटेक यंत्र है. इसके माध्यम से भूकंप या अन्य किसी प्रकार की आपदा या विस्फोट से किसी इमारत के ध्वस्त होने पर उसके अंदर फंसे लोगों को खोजना पहले एक बड़ी चुनौती होती थी. लेकिन अब इस ख़ास गैजेट् की वजह से ये बहुत आसान हो गया है.
अब अगर मलबे में कहीं कोई फंसा है और वह नहीं मिल पा रहा तो उसे कैमरे की मदद से खोजा जा सकेगा. यह ख़ास कैमरा अब स्टेट डिजास्टर इमरजेंसी रेस्क्यू फोर्स की टीएम में एक महत्वपूर्ण अंग की तरह शामिल है. यह कैमरा 360 डिग्री पर घूमता है. अगर ध्वस्त बिल्डिंग में रात को रेस्क्यू ऑपरेशन चलता है तो भी इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसमें लगी एल ई डी पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था भी करती है.
800 डिग्री टेम्परेचर में भी मदद करेगा सूटः लालचंद्र ने बताया कि अगर कहीं भीषण आग लगी हो तो एल्युमिनाइज्ड फायर एंट्री सूट के उपयोग के बाद अधिकतम 800 डिग्री तापमान तक पर में 30 मिनट आग के शोलों के बीच में रहकर राहत औऱ बचाव कार्य किए जा सकते हैं. एल्युमीनाइज़्ड फ़ायर एंट्री सूट फ़ायर फ़ाइटिंग के लिए इस्तेमाल होने वाला एक विशेष सूट है. इस सूट को फायर फाइटिंग के लिए इस्तेमाल होने वाले फ़ायर रेज़िस्टेंट मटेरियल से बनाया जाता है. इस सूट के बाहरी हिस्से को ऐल्यूमीनियम से लेपित किया जाता है ताकि यह रेडिएंट हीट को रिफ़्लेक्ट कर सके. इसके साथ ही हाई टेंपरेचर, मॉल्टन मेटल के छींटे, रेडिएंट हीट से सुरक्षा प्रदान करता है.