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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 5 hours ago

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VIDEO; बाढ़-बारिश और आगजनी में जैसी आपदाओं में इन गैजेट्स से SDRF करती रेस्क्यू, जानें कैसे करते हैं काम - HITECH GADGETS UPSDRF

किसी भी आपदा के बाद राहत बचाव के लिए प्रयास किए जाते हैं. समय के साथ बड़े बदलाव भी हुए हैं. ऐसे में उत्तरप्रदेश का राज्य आपदा मोचन बल भी तकनीक का सहारा भी मिल रहा है. हाइटेक गैजेट्स से बचाव कर्मियों की मुश्किलें आसान हो रही हैं, आईए जानते हैं.

SDRF के हाईटेक गैजेट्स.
SDRF के हाईटेक गैजेट्स. (Etv Bharat)

मेरठःआमतौर पर जब भी कहीं किसी तरह की आपदा आती है या फिर कोई बड़ा हादसा हो जाता है. उस वक़्त राहत और बचाव के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को तत्काल स्थिति को काबू पाने के लिए भेजा जाता है. अब उत्तर प्रदेश के SDRF के बेड़े में खासतौर से अब आपदा राहत बचाव दल के सदस्य हाईटेक गैजेट्स के उपयोग से जान माल की सुरक्षा कर सकते हैं. कई हाईटेक यंत्र तो ऐसे हैं जो अधिकतम टेम्प्रेचर में भी बिना रुकावट काम कर सकेंगे.

विक्टिम लोकेटिंग कैमरा:ईटीवी भारत से बातचीत के यूपी एसडीआरएफ के इंस्पेक्टर लालचंद्र ने बताया कि विक्टिम लोकेटिंग कैमरा बेहद ही अद्भुत और हाइटेक यंत्र है. इसके माध्यम से भूकंप या अन्य किसी प्रकार की आपदा या विस्फोट से किसी इमारत के ध्वस्त होने पर उसके अंदर फंसे लोगों को खोजना पहले एक बड़ी चुनौती होती थी. लेकिन अब इस ख़ास गैजेट् की वजह से ये बहुत आसान हो गया है.

अब अगर मलबे में कहीं कोई फंसा है और वह नहीं मिल पा रहा तो उसे कैमरे की मदद से खोजा जा सकेगा. यह ख़ास कैमरा अब स्टेट डिजास्टर इमरजेंसी रेस्क्यू फोर्स की टीएम में एक महत्वपूर्ण अंग की तरह शामिल है. यह कैमरा 360 डिग्री पर घूमता है. अगर ध्वस्त बिल्डिंग में रात को रेस्क्यू ऑपरेशन चलता है तो भी इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसमें लगी एल ई डी पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था भी करती है.

यूपी एसडीआरएफ के हाईटेक गैजेट्स के बारे में जानें. (Video Credit; ETV Bharat)
एल्युमिनाइज्ड फायर प्रॉक्सिमिटी सूट: इसी प्रकार रिमोट एरिया लाइटिंग सिस्टम का भी अहम रोल है, जो कि ख़ास तौर पर इस प्रकार डिजाइन किया गया है. जब कहीं किसी रेस्कयू ऑपरेशन को करते हैं तो वहां, चाहे किसी बिल्डिंग में हो या मलबे में या फिर बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में वहां इसकी काफी उपयोगिता बढ़ जाती है. स्टेट डिजास्टर रेस्क्यू फोर्स के पास और भी कई ऐसे उपकरण हैं जो कि बड़े से जोखिम से निकालने में उपयोगी हैं. एल्युमिनाइज्ड फायर प्रॉक्सिमिटी सूट अपने आप में बेहद ख़ास है जिसे पहनकर किसी भी आपदा के समय इसके इस्तेमाल करने के बाद रेस्कयू ऑपरेशन में बेहद कारगर है.


800 डिग्री टेम्परेचर में भी मदद करेगा सूटः लालचंद्र ने बताया कि अगर कहीं भीषण आग लगी हो तो एल्युमिनाइज्ड फायर एंट्री सूट के उपयोग के बाद अधिकतम 800 डिग्री तापमान तक पर में 30 मिनट आग के शोलों के बीच में रहकर राहत औऱ बचाव कार्य किए जा सकते हैं. एल्युमीनाइज़्ड फ़ायर एंट्री सूट फ़ायर फ़ाइटिंग के लिए इस्तेमाल होने वाला एक विशेष सूट है. इस सूट को फायर फाइटिंग के लिए इस्तेमाल होने वाले फ़ायर रेज़िस्टेंट मटेरियल से बनाया जाता है. इस सूट के बाहरी हिस्से को ऐल्यूमीनियम से लेपित किया जाता है ताकि यह रेडिएंट हीट को रिफ़्लेक्ट कर सके. इसके साथ ही हाई टेंपरेचर, मॉल्टन मेटल के छींटे, रेडिएंट हीट से सुरक्षा प्रदान करता है.

खास गेंद एक मीटर तक बुझाती है आगःयूपी एसडीईआरएफ में सेवारत अजय पाल ने बताया कि किसी भी ऐसे ऑपरेशन में जहां आग पर नियंत्रण करना हो तो एक खास गेंद का इस्तेमाल किया जा सकता है. यह बेहद ही ख़ास फुटबालनुमा होती है. अग्निशामक बॉल के अंदर मुख्य सक्रिय घटक अग्नि शमन पाउडर या रसायन का मिश्रण होता है. कितनी भी भयानक आग कहीं क्यों न लगी हो, ज़ब गेंद वहां फेंक देते हैं तो एक निश्चित अवधि में यह वहां फूट जाती है औऱ लगभग एक से डेढ़ मीटर तक के एरिया में आग को शांत कर देता है. ऐसी कई बॉल जरूरत के हिसाब से उस जगह पर डालकर आग पर काबू पाया जा सकता है.


रिमोट संचालित लाइफबॉयः SDRF के सिपाही अजीत सिंह ने बताया कि तकनीकी से बहुत कुछ आसान हो रहा है. अब अगर कोई व्यक्ति किसी बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में डूब रहा है तो वहां रिमोट संचालित लाइफबॉय बेहद ही उपयोगी सिद्ध हो सकता है. रिमोट से लगभग 800 मीटर की दूरी तक से संचालित किया जा सकता है. इसी प्रकार औऱ भी बहुत से ऐसे गैजेट्स हैं जो कि किसी भी रेस्कयू ऑपरेशन में आपदा से बचाने के लिए कारगर साबित होते हैं. इसी प्रकार सैटेलाइट फोन है जो रेस्कयू ऑपरेशन में उपयोगी साबित होते रहे हैं.


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