देहरादून:उत्तराखंड के केदारनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव का ऐलान हो गया है. जिसके बाद आचार संहिता लागू हो गई है. यह सीट केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत के निधन के बाद खाली हो गई थी. अब इस सीट उपचुनाव होना है. वहीं, केदारनाथ सीट को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों ने कमर कस ली है.
केदारनाथ विधानसभा सीट पर 20 नवंबर को होगी वोटिंग:केदारनाथ उपचुनाव के लिए तारीख की घोषणा हो गई है. इसके तहत 20 नवंबर को मतदान होगा तो 23 नवंबर को मतगणना होगी. उधर, केदारनाथ उपचुनाव को लेकर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही मैदान में उतरकर माहौल बनाने की कोशिश कर रही हैं. कांग्रेस ने जहां हरिद्वार से लेकर केदारनाथ तक 'केदारनाथ बचाओ यात्रा'निकाली तो वहीं बीजेपी संगठन भले ही अभी कुछ खास न कर पाया हो, लेकिन सरकार के स्तर पर जिस तरह से घोषणाएं हो रही हैं, वो बताती हैं कि सरकार केदारनाथ में होने वाले चुनाव को अपनी नाक का सवाल बना रही है. एक के बाद एक सरकार की तरफ से घोषणाएं की गई हैं.
बीजेपी की साख और नाक दोनों का सवाल बना केदारनाथ उपचुनाव:बीजेपी के लिए यह चुनाव साख और नाक का सवाल बना हुआ है. क्योंकि, हाल ही में हुए दो उपचुनाव बीजेपी के लिए बेहद निराशाजनक रहे थे. बीजेपी को मंगलौर और बदरीनाथ विधानसभा सीट हारनी पड़ी. जिसके बाद बीजेपी ने अब केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव को अपने अहम की लड़ाई मान लिया है. बीजेपी संगठन ने केदारनाथ विधानसभा सीट उपचुनाव के लिए बीजेपी प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी के साथ पांच मंत्रियों की ड्यूटी लगाई है.
इतना ही नहीं संगठन की एक बड़ी फौज भी केदारनाथ में आम जनता तक पहुंचेगी. बीजेपी संगठन ये चाहता है कि जो परिणाम बदरीनाथ उपचुनाव में आए हैं, उसकी पुनरावृत्ति केदारनाथ में ना हो. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का कहना है कि बीजेपी ने केदारनाथ के पुनर्निर्माण के साथ ही पूरे क्षेत्र के लिए काफी काम किया है. कांग्रेस का जो हाल हरियाणा में हुआ है, वही हाल केदारनाथ विधानसभा सीट उपचुनाव में भी होगा. केदारनाथ विधानसभा सीट उपचुनाव से पहले सरकार ने कई घोषणाएं की.हर हफ्ते कोई न कोई सौगात सरकार की तरफ से केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र के लिए दी गई.
केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत के निधन के बाद घोषणाओं की झड़ी:केदारनाथविधायकशैलारानी रावत के निधन के बाद खाली हुई यह सीट कितनी जरूरी है? ये मुख्यमंत्री की ओर से की गई करीब 39 घोषणाएं बता देती हैं. जिससे ये भी पता चलता है कि सरकार इस चुनाव पर पूरी तरह से फोकस करना चाहती है. अब तक की घोषणाओं की बात करें तो 7 अक्टूबर को भी 14 नई घोषणाएं केदारनाथ क्षेत्र के लिए की गई थी. इसके बाद 15 अक्टूबर को ही 25 घोषणाएं और की गई थी. इस तरह से लगातार कई घोषणाएं कर सरकार केदारनाथ क्षेत्र के मतदाताओं को साधने की पूरी कोशिश कर रही है.
हाल ही में हुई घोषणाएं-
- मणिगुहा में नंदाबाड़ी से सरकारी अस्पताल को जोड़ते हुए धौनिक तक दो किमी सड़क निर्माण
- मचकंडी से सौर भूतनार्थ (अगस्त्यमुनि) मंदिर तक तीन किमी मोटर मार्ग का निर्माण
- बांसवाडा-जलई-किरधू-गौर-कंडार द्वितीय चरण मोटर मार्ग निर्माण
- अंधेरगढ़ी से धार तोलियों मोटर मार्ग का सुधारीकरण एवं डामरीकरण का काम
- ऊखीमठ आंतरिक मोटर मार्ग से किमाडा तक मोटर मार्ग का सुधारीकरण एवं डामरीकरण का काम
- त्यूंग बैंड से नहरा-कुण्डलिया मोटर मार्ग का सुधारीकरण एवं डामरीकरण का काम
- उनियाणा से किरमोडी पौल्दीद्वणी होते हुए कालीशिला मोटर मार्ग का निर्माण
- गोंडार-बंडतोती-मोरखंडा नदी पर पुल निर्माण
- चौमासी से खाम रेकाधार से केदारनाथ पैदल ट्रेकिंग मार्ग के अवशेष का काम
- बांसवाड़ा-मोहनखाल मोटर मार्ग का चौड़ीकरण और डामरीकरण का काम
- आपदाग्रस्त ग्राम सभा किणझाणी के विस्थापन का काम
- सारणेश्वर मंदिर सिल्ला बमड़ गांव (अगस्त्यमुनि) का सौंदर्यीकरण का काम
- पठारी धार (अगस्त्यमुनि) में खेल मैदान का निर्माण
- राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अगस्त्यमुनि में ऑडिटोरियम निर्माण