कुरुक्षेत्र:सनातन धर्म में प्रत्येक व्रत व त्यौहार को बहुत ही ज्यादा श्रद्धा के साथ मनाया जाता है. सभी का विशेष महत्व होता है. इस समय हिंदू वर्ष का कार्तिक महीना चल रहा है. जो हिंदुओं का प्रमुख महीना होता है, क्योंकि इस महीने के अंदर हिंदुओं के कई प्रमुख व्रत व त्यौहार आते हैं. कार्तिक महीने में आने वाली अमावस्या का भी बहुत ही ज्यादा महत्व शास्त्रों में बताया गया है. कार्तिक महीने की अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करने उपरांत दान करने से अक्षय पुण्य फल प्राप्त होता है. वहीं, इस अमावस्या के दिन पितरों के लिए पूजा अर्चना करने का भी विशेष फल की प्राप्ति होती है. तो आईए जानते हैं कि कार्तिक अमावस्या कब है और इसका पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है.
कब है कार्तिक सोमवती अमावस्या:पंडित विश्वनाथ ने बताया कि हिंदू धर्म में प्रत्येक अमावस्या का अपने आप में अलग-अलग और विशेष महत्व होता है. लेकिन कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष में आने वाली अमावस्या का अन्य सभी अमावस्याओं से ज्यादा महत्वपूर्ण होता है. इस बार इस अमावस्या का आरंभ 31 अक्टूबर को दोपहर बाद 3:52 से होगा. जबकि इसका समापन 1 नवंबर को शाम के 6:16 पर होगा. हिंदू धर्म में प्रत्येक व्रत व त्यौहार उदय तिथि के साथ मनाए जाते हैं. इसलिए कार्तिक महीने की अमावस्या एक नवंबर के दिन मनाई जाएगी. अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करने उपरांत दान करने का विशेष महत्व होता है. इसलिए स्नान करने का शुभ ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:50 से लेकर सूर्योदय तक रहेगा. सूर्य उदय से 8:41 तक भी स्नान कर सकते हैं.
पितरों की पूजा का समय:इस अमावस्या को विशेष तौर पर पितरों की पूजा के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. जहां पितरों की पूजा की जाती है. तो वहीं, उनके लिए पिंडदान और तर्पण भी किए जाते हैं. ताकि उनकी आत्मा को शांति मिले और उनको पृथ्वी लोक से मुक्ति मिले और स्वर्ग में स्थान मिले. पितरों की पूजा करने या पिंडदान करने का समय सुबह 11:30 शुरू होकर दोपहर 3:30 तक रहेगा. अगर किसी इंसान की कुंडली में पितृ दोष है, तो वह पितरों की आत्मा की शांति के लिए धार्मिक अनुष्ठान, दर्पण और पिंडदान करें.
अमावस्या पर बन रहा शुभ योग:पंडित ने बताया कि इस बार अमावस्या पर दो शुभ योग बन रहे हैं. जिसके चलते अमावस्या का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है. पहले प्रीति योग सूर्य उदय से शुरू होकर सुबह 10:41 मिनट तक रहेगा. इसके बाद से ही आयुष्मान योग शुरू हो जाएगा, जो पूरी रात्रि रहेगा. इसलिए इस दिन पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होगी.