कानपुर : शहर में जहां कुछ माह पहले कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित सिविल लाइंस में 1000 करोड़ रुपये की नजूल की जमीन का मामला बहुत अधिक चर्चा में था. ठीक उसके कुछ दिनों बाद चुन्नीगंज स्थित 500 करोड़ रुपये वाले ऐपीफैनी कंपाउंड के मामले की चर्चा जोरों पर रही थी. डीएम के आदेश पर इस जमीन को भी सरकारी जमीन जब घोषित किया गया, तो सामने आया यहां की जमीनों में अवैध कब्जे हुए और कई प्लाट बेचे गए थे. पुलिस ने शिकायतों के आधार पर शनिवार को तीन आरोपियों- सलीम बिरयानी, मो. रईस व अर्पित मिश्रा को जहां अरेस्ट कर जेल भेज दिया था. वहीं, अब कमिश्नरेट पुलिस की ओर से इस मामले में पूर्व मंत्री शिव कुमार बेरिया को नोटिस भेजी गई है.
कमिश्नरेट पुलिस के आला अफसरों का कहना पूर्व मंत्री के नाम भी दो प्लाट्स के साक्ष्य मिले हैं. अब पुलिस इस मामले की फाइलें फिर से पलट रही है. शहर में इस बात की चर्चा जोरों पर एक बार फिर से है कि कई नामचीन लोगों के नाम ठीक वैसे ही सामने आ सकते हैं जैसे 1000 करोड़ रुपये की नजूल की जमीन कब्जाने के मामले में सामने आए थे.
साढ़े तीन माह बाद पुलिस ने दिखाई तेजी, कई पर एफआईआर : करीब साढ़े तीन माह पहले जहां कमिश्नरेट पुलिस की ओर से ऐपीफैनी कंपाउंड में कब्जा करने को लेकर कई नोटिसें जारी की गई थीं. वहीं, शनिवार को कर्नलगंज थाना में श्यामनगर निवासी धीरेंद्र सिंह की तहरीर पर खलासी लाइन निवासी मो. रईस, तलाक महल निवासी सलीम बिरयानी, मो.रफीक, अनिल कुमार, यशोदा नगर निवासी अनिल कुमार मिश्रा, स्वरूप नगर निवासी एसएस साइलस, दीप कुमार व दुर्योधन प्रसाद के खिलाफ कई थानों में एफआईआर दर्ज की गई है. हालांकि, कर्नलगंज पुलिस ने अभी तक सलीम बिरयानी, मो. रईस व अर्पित मिश्रा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. थाना प्रभारी, कर्नलगंज रविंद्र श्रीवास्तव के अनुसार बयान दर्ज कराने के लिए पूर्व मंत्री शिव कुमार बेरिया को नोटिस भेजा गया है. साथ ही ऐपीफैनी कंपाउंड मामले में तीन आरोपियों को जेल भी भेजा जा चुका है.
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