कैथल: हरियाणा सहकारिता विभाग में हुए करीब 100 करोड़ रुपए के घोटाले मामले में पूरे प्रदेश में एंटी करप्शन ब्यूरो की कार्रवाई चल रही है. इस मामले में प्रदेश के 20 से अधिक घोटालेबाज सलाखों के पीछे जा चुके हैं. वहीं, इस घोटाले के तार कैथल से भी जुड़े हुए हैं. यहां हर रोज कोऑपरेटिव बैंक घोटाले के नए-नए खुलासे सामने आ रहे हैं. इस कड़ी मंगलवार को अंबाला विजिलेंस टीम ने 2021 में कैथल कोऑपरेटिव बैंक में बतौर जीएम (महाप्रबंधक) पद पर रहे आरोपी विजय कुमार को ठेकेदार गुलाब सिंह से कमीशन के तौर पर 60 हजार रुपए अपने बैंक अकाउंट में डलवाने के आरोप में गिरफ्तार किया है. जिससे रुपयों की बरामदगी और अन्य अधिकारियों की संलिप्तता की जांच के लिए कोर्ट से दो दिन के रिमांड पर लिया गया है.
रिश्वत से खुला घोटाले का राज!:एंटी करप्शन ब्यूरो टीम अंबाला के इंचार्ज इंस्पेक्टर बीरभान सिंह ने बताया कि साल 2021 में जब विजय कुमार कैथल कॉपरेटिव बैंक में जीएम पद पर तैनात थे, तब उन्होंने स्टेशनरी डिमांड के नाम पर ठेकेदार गुलाब सिंह से 60 हजार रुपए रिश्वत के तौर पर लिए थे. बैंक स्टेटमेंट अनुसार राशि अकाउंट में जमा होने की पुष्टि हुई है. इस आधार पर एसीबी की टीम ने इसे घोटाले का आरोपी मानते हुए विजय कुमार को आदमपुर से गिरफ्तार किया है.
घोटाले में अन्य अधिकारियों की संलिप्तता शक के घेरे में:कोऑपरेटिव बैंक घोटाले में जांच करते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो टीम आए दिन नए-नए खुलासे कर रही है. एंटी करप्शन ब्यूरो टीम अंबाला के इंचार्ज इंस्पेक्टर बीरभान सिंह ने बताया कि उन्होंने 2021 में कैथल के कोऑपरेटिव बैंक में जीएम रहे आरोपी विजय कुमार को गिरफ्तार किया गया है. विजय कुमार पर ठेकेदार से 60 हजार रुपए की रिश्वत लेने की बात सामने आई है. आरोपी को अदालत में पेश कर 2 दिन का रिमांड लिया गया है. अब आरोपी से पैसों की बरामदगी और घोटाले में अन्य अधिकारी और कर्मचारियों की संलिप्तता के बारे में पूछताछ की जाएगी. टीम का मानना है की अक अधिकारी द्वारा इतने बड़े स्तर पर घोटाला करना संभव नहीं है. इसलिए घोटाले में संलिप्त विभाग के अन्य अधिकारी भी एसीबी टीम की रडार पर हैं.
आरोपी और परिजनों की संपत्ति की होगी जांच: एंटी करप्शन ब्यूरो टीम इंचार्ज इंस्पेक्टर बीरभान ने बताया कि उच्च अधिकारियों के आदेशों के अनुसार इस घोटाले में जितने भी अधिकारियों ने गबन किया है. उन सभी की अर्जित की गई संपत्ति और उनके परिजनों के नाम जो भी प्रॉपर्टी हैं उन सभी की भी जांच की जाएगी. इसके साथ ही आरोपियों द्वारा जिन रिश्तेदारों के बैंक अकाउंट में रिश्वत की राशि ट्रांसफर की गई हैं, उनका भी का ब्यौरा खंगाला जाएगा ताकि इस घोटाले से सरकार को हुए राजस्व नुकसान की भरपाई की जा सके.