रांची: जेएसएससी सीजीएल परीक्षा पेपर लीक का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. राज्य सरकार के द्वारा इसकी जांच भले ही एसआईटी को दी गई है मगर छात्रों के साथ प्रमुख विपक्षी दल बीजेपी इससे संतुष्ट नहीं दिख रही है. बीजेपी ने इस बहाने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि जिस तरह से वायरल व्हाट्सएप चैटिंग में सत्ता के दलालों द्वारा मुख्यमंत्री के साथ कई विद्यार्थियों के एडमिट कार्ड साझा किए गए हैं इसका उदेश्य साफ था कि ऐसे विद्यार्थियों का चयन इसमें करना था.
बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने मीडिया कर्मियों को संबोधित करते हुए झारखंड कर्मचारी चयन आयोग से कई सवाल खड़े किए हैं. षाड़ंगी ने राज्य सरकार से पूछा है कि आखिर क्या मजबूरी है कि पुलिस सेवा से सेवानिवृत अधिकारी को आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है. छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले आयोग के अध्यक्ष पर केस करने के बजाय आंदोलनरत छात्रों पर आखिर क्यों केस किया गया.
बीजेपी ने तीसरा सवाल खड़ा करते हुए कहा कि जिस एजेंसी के बारे में आयोग ने खुद कार्मिक विभाग को पत्र लिखकर उस पर पूर्व में हुई कार्रवाई से अवगत कराया था उसी को परीक्षा का जिम्मा क्यों दिया गया. चौथा सवाल खड़ा करते हुए बीजेपी ने कहा है कि इस तरह की परीक्षा पीटी और मेंस के जरिए अन्य राज्यों में होती रही है मगर सुनियोजित ढंग से झारखंड में एक ही परीक्षा लेकर कुछ छात्रों को सफल करने की साजिश रची गई थी. प्रश्न पत्र इस तरह के थे कि जैसे चपरासी वर्ग की परीक्षा में प्रश्न पूछे जाते हैं इस तरह का स्तर रखा गया था ताकि जब यह लीक हो तो समय बिना गवाये उसका उत्तर मिल जाय.
व्हाट्सएप चैट से सीएमओ की संलिप्तता आई सामने- कुणाल
सीजीएल पेपर लीक मामले में व्हाट्सएप चैट सामने आने के बाद सरकार के खिलाफ मुखर हुई बीजेपी ने पूरे मामले में सीएमओ की संलिप्तता का आरोप लगाया है. बीजेपी प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि व्हाट्सएप चैट सामने आने के बाद यह क्रिस्टल क्लीयर है कि इसमें सीएमओ की संलिप्तता है. जेएसएससी के पदाधिकारियों की मिलीभगत से लाखों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी सीबीआई जांच होने तक सरकार को चैन से बैठने नहीं देगी.
आपको बता दें कि काफी जद्दोजहद के बाद राज्य में 28 जनवरी को स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित की गई जिस दौरान तीसरी पाली की परीक्षा के प्रश्न लीक हो गए जिसके बाद शुरू हुए छात्रों का आंदोलन को देखते हुए आयोग ने पूरी परीक्षा को रद्द कर दी है.