रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्या ने नरेंद्र मोदी को सर्वसम्मति से एनडीए संसदीय दल का नेता चुने जाने पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि सिर्फ लगातार तीन बार प्रधानमंत्री बनने के रिकॉर्ड की बराबरी करने के लिए कार्यकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आज एनडीए संसदीय दल का नेता चुना गया है, जबकि हकीकत यह है कि देश की जनता ने उनके नेतृत्व को नकार दिया है.
उन्होंने कहा कि भाजपा के जो भी नेता यह कहते हैं कि नरेंद्र मोदी ने नेहरू जी के रिकॉर्ड की बराबरी की है तो उन्हें यह भी बताना चाहिए कि 1962 में जवाहरलाल नेहरू ने तीसरी बार भी पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी, उन्हें खंडित जनादेश नहीं मिला था.
मजबूर प्रधानमंत्री ही होंगे मोदी
झामुमो के केंद्रीय महासचिव ने कहा कि 10 वर्षों में पहली बार नरेंद्र मोदी के मुंह से अब एनडीए निकल रहा है और बीजेपी शब्द गायब है. हर बात में सीना ठोक कर मोदी की गारंटी देने वाले पीएम मोदी अब एनडीए की बात करने लगे हैं. यही लोकतंत्र की ताकत है. प्रधानमंत्री का यह कथन कि अब शासन सर्वसम्मति से चलेगा, यह दर्शाता है कि मोदी ने यह मान लिया है कि जनादेश मोदी के नेतृत्व के खिलाफ आया है.
आजसू प्रमुख का अपमान करने का आरोप
दिल्ली में एनडीए संसदीय दल की बैठक के दौरान जीतनराम मांझी, अनुप्रिया पटेल जैसे एक-एक सांसद वाली पार्टी के नेता से मोदी के बात करने और मंच देने का जिक्र करते हुए कहा कि आजसू के भी एक सांसद हैं, लेकिन उसके नेता सुदेश महतो मंच पर क्यों नहीं दिखे, यह झारखंड के प्रति पीएम मोदी के कुत्सित सोच को दर्शाता है.
जातीय जनगणना,सरना धर्म कोड पर रूख साफ करें नीतीश-सुप्रियो
झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित मीडिया संवाद के दौरान झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने सीधा सवाल बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू प्रमुख नीतीश कुमार से किया. उन्होंने कहा कि अब जब नीतीश कुमार की पार्टी एनडीए सरकार में अहम रोल निभाने जा रही है, तब उन्हें जातीय जनगणना, ओबीसी आरक्षण बढ़ाने, सरना धर्मकोड जैसे मुद्दों पर उनका स्टैंड क्या है.