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सरकारी डॉक्टरों का राज्यव्यापी हड़ताल स्थगित, मरीजों को मिली राहत

झारखंड के सरकारी डॉक्टरों ने अपनी राज्यव्यापी हड़ताल वापस ले ली है. इससे मरीजों को काफी राहत मिली है.

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : 4 hours ago

Doctors strike
रांची सदर अस्पताल (ईटीवी भारत)

रांची:राज्यभर के सरकारी डॉक्टरों ने अपना हड़ताल वापस ले लिया है. पाकुड़ जिला प्रशासन के अनुरोध के बाद झासा ने ये फैसला लिया है. पाकुड़ सदर अस्पताल में डॉक्टरों के साथ हुई मारपीट की घटना के विरोध में झासा ने घोषणा की थी कि 11 अक्टूबर से राज्य भर के सरकारी डॉक्टर हड़ताल पर चले जायेंगे. जिसके बाद पाकुड़ के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक ने डॉक्टरों के साथ मारपीट करने वाले तीन आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी और दुर्गा पूजा का हवाला देते हुए झारखंड राज्य स्वास्थ्य सेवा संघ (झासा) से हड़ताल वापस लेने का अनुरोध किया.

पाकुड़ प्रशासन के अनुरोध को स्वीकार करते हुए झासा ने अगले आदेश तक सरकारी डॉक्टरों के राज्यव्यापी हड़ताल को स्थगित कर दिया. मरीजों को इलाज में कोई परेशानी न हो और मरीज सरकारी अस्पतालों की सभी सुविधाओं का लाभ उठा सकें, इसके लिए राज्य भर के सभी सरकारी डॉक्टरों को व्हाट्सएप मैसेज भेजकर हड़ताल कार्यक्रम स्थगित करने की सूचना दी गई.

डॉक्टरों का राज्यव्यापी हड़ताल स्थगित (ईटीवी भारत)

झासा के अनिश्चितकालीन हड़ताल वापस लेने के फैसले के बाद रांची सदर अस्पताल, डोरंडा शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डोरंडा, रिसालदार बाबा स्वास्थ्य केंद्र नामकुम, कांके सीएचसी में ओपीडी में मरीज दिखे. झासा के सदस्य और रांची सदर अस्पताल में चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. एपीवी बाखला ने बताया कि झासा सचिव ने डॉक्टरों की राज्यव्यापी हड़ताल स्थगित होने की जानकारी दी, तब से वे लगातार मरीजों को देख रहे हैं.

गौरतलब हो कि राज्य का चिकित्सक समुदाय लंबे समय से मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग कर रहा है. कई बार विधानसभा में रखे जाने के बावजूद सदन के अंदर विधायकों के कड़े विरोध के कारण मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू नहीं हो सका. हाल ही में झारखंड के पाकुड़ स्थित सदर अस्पताल में एक महीने में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर पर हमले की दूसरी घटना घटी. इससे नाराज सरकारी चिकित्सक संघ (झासा) ने 11 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की थी, जिसे अब स्थगित कर दिया गया है. उनका कहना है कि पाकुड़ जिले की पुलिस-प्रशासन अपराधियों पर लगाम लगाने में पूरी तरह विफल रही है.

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