गिरिडीह: जमुआ विधानसभा सीट पर जीत दर्ज करने का प्रयास झारखंड मुक्ति मोर्चा लगातार करती रही है. इस सीट पर झामुमो ने 1980, 1995, 2000, 2005, 2009 और 2014 में अपना उम्मीदवार खड़ा किया लेकिन एक भी बार झामुमो इस सीट पर जीत दर्ज नहीं कर सकी. आधा दर्जन बार मैदान में उतरी झामुमो एक बार दूसरे, एक बार तीसरे तो चार बार पांचवे स्थान पर रही. इस बार झामुमो ने यहां बड़ा चेहरा उतारा है. झामुमो ने इस सीट पर तीन बार भाजपा की टिकट पर जीत दर्ज करने वाले केदार हाजरा को उम्मीदवार बनाया है. केदार हाजरा ने नामांकन दर्ज कर दिया है और जीत का दावा किया है.
पार्टी बदली तो हारे सिटिंग एमएलए
जनुआ विधानसभा सीट पर पार्टी बदलने वाले सिटिंग एमएलए भी बुरी तरह पराजित हो चुके हैं. दरअसल 2005 के चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा की टिकट पर चंद्रिका महथा मैदान में उतरे थे. चंद्रिका ने भाजपा के केदार को सीधी टक्कर दी और दूसरे स्थान पर रहे. 2009 के चुनाव में चंद्रिका जेवीएम की टिकट पर मैदान में उतरे और केदार को हराकर जीत दर्ज की. जब 2014 का चुनाव आया तो एंटी इनकंबेंसी को देखते हुए जेवीएम ने उम्मीदवार बदलने का फैसला लिया. ऐसे में चंद्रिका फिर से जेएमएम में चले गए लेकिन यहां इनकी हार हुई. 2014 के चुनाव में चंद्रिका पांचवे स्थान पर रहे. वहीं केदार ने जीत दर्ज की.
केदार ने कहा विपक्ष बन चुका है धृतराष्ट्र
जमुआ के सिटिंग एमएलए सह जेएमएम प्रत्याशी का कहना है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं. इनका कहना है कि विपक्ष धृतराष्ट्र बन चुका है. इन्होंने फिर से जीत का दावा किया है.
विधायक ने की क्षेत्र की अनदेखी: मंजू
वहीं, भाजपा की प्रत्याशी मंजू देवी का कहना है कि जमुआ में समस्याओं का अम्बार है जिस पर कभी भी विधायक ने ध्यान नहीं दिया. ये कहती हैं इस बार भी जनता भाजपा के साथ है.