रांची: एनडीए के अंदर सीटों को लेकर चल रही खटपट भले ही सुलझ जाने का दावा किया जा रहा हो, लेकिन हकीकत यह है कि अभी भी कई सीटों पर पेच फंसा हुआ है. सीटों के बंटवारे की घोषणा होने से पहले तक जिस तरह से एनडीए की सहयोगी आजसू की नाराजगी देखी गई उससे साफ जाहिर होता है कि फिलहाल संकट के बादल भले ही छंट गए हो, लेकिन अभी बहुत कुछ बाकी है.
मनाने के लिए सुदेश के घर पहुंचे हिमंता
स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि असम के सीएम और झारखंड विधानसभा चुनाव सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा को खुद सुदेश महतो को मनाने उनके कांके रोड स्थित आवास जाना पड़ा. बंद कमरे में करीब एक घंटे तक दोनों नेताओं की हुई बातचीत के बाद डैमेज कंट्रोल किया गया. मान-मनौव्वल के कारण बीजेपी प्रदेश कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस करीब डेढ घंटे देरी से शुरू हुआ.
इन सीटों पर फंसा पेंच
एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर आजसू के साथ-साथ जदयू की भी नाराजगी सार्वजनिक हो गई है. आजसू हटिया, बड़कागांव समेत कुछ अन्य सीटें बीजेपी से मांग रहा है. हालांकि अभी पूरी तरह से स्थिति स्पष्ट नहीं है और सस्पेंस बरकरार है. आजसू और भाजपा की संयूक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करीब एक घंटे देरी से शुरू हुई. सूत्रों के अनुसार देरी की वजह चंदनकियारी सीट थी, जहां से आजसू अपना प्रत्याशी खड़ा करना चाहती थी. शुक्रवार की सुबह उमाकांत रजक के इस्तीफे को भी इस सीट से ही जोड़ कर देखा जा रहा है. उमाकांत अब झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हो चुके हैं और कहा ये जा रहा है हेमंत सोरेन को उन्होंने चंदनकियारी सीट से टिकट के लिए मना भी लिया है.
आजसू के अध्यक्ष सुदेश महतो उनके इस्तीफे की वजह से खासे नाराज थे और चाहते थे की चंदनकियारी सीट उन्हीं के खाते में जाए, बहरहाल ऐसा हो न सका और हिमंता बिस्वा सरमा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में चंदनकियारी के मुद्दे पर साफ कह दिया वहां से कोई और नहीं भाजपा ही चुनाव लड़ेगी. बता दें कि आजसू पूर्व से ही 13 सीटों की मांग करता रहा है.
सीटों पर फेरबदल की संभावना