पलामू: बीजेपी से हुसैनाबाद से कमलेश कुमार सिंह का टिकट फाइनल होने की घोषणा कर दी है. जिसके बाद भाजपा के एक नेता कर्नल संजय कुमार सिंह ने बागी तेवर अपनाते हुए चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है, तो दूसरी ओर विनोद कुमार सिंह भी अपने कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाए हैं.
बागी नेताओं का चुनाव लड़ना तय
भाजपा के दो बागी नेताओं में कर्नल संजय कुमार सिंह ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है. वह 24 अक्टूबर को नामांकन का पर्चा दाखिल करेंगे. भाजपा के विनोद कुमार सिंह पिछले 2019 के चुनाव में भाजपा समर्थित उम्मीदवार थे. वह इस बार भी मैदान में आने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन भाजपा ने उन्हें टिकट न देकर कमलेश कुमार सिंह को प्रत्याशी बनाया है. विनोद कुमार सिंह के भी बागी बनकर चुनाव लड़ने की उम्मीद है. हालांकि अभी तक उन्होंने पत्ता नहीं खोला है. संभवतः विनोद कुमार सिंह भी चुनाव लड़ सकते हैं.
हुसैनाबाद सीट से राजद से संजय कुमार सिंह यादव का भी चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है. जबकि आजसू के कुशवाहा शिवपूजन भी निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं. कुशवाहा शिवपूजन मेहता किसी अन्य दल या पुराने घर बसपा में जा सकते हैं. लेकिन अगर बीएसपी इस सीट पर फिर से शेर अली को खड़ा करती है, तो यह लड़ाई काफी दिलचस्प हो सकती है. चुनाव की घोषणा के बाद भाजपा, आजसू और बीएसपी में टूट होने के संकेत मिल रहे हैं. हुसैनाबाद विधायक कमलेश कुमार सिंह एनसीपी से भाजपा में शामिल होने पर स्थानीय कार्यकर्ताओं ने विरोध किया था. अब देखने वाली बात यह होगी कि आने वाले दिनों में भाजपा कार्यकर्ताओं का क्या रुख होता है. कमलेश कुमार सिंह ने बताया कि उनका नामांकन 23 अक्टूबर को होगा. नामांकन के अवसर पर भाजपा के चुनाव सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा के अलावा प्रदेश, जिला व क्षेत्र के नेता कार्यकर्ता शामिल रहेंगे.
झामुमो के खिलाफ खड़ा हो सकता है राजद
झारखंड मुक्ति मोर्चा और राजद में बात नहीं बनने की स्थिति में हुसैनाबाद सीट से राजद के संजय कुमार सिंह यादव के खिलाफ झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रत्याशी भी मैदान में उतर सकते हैं. पलामू जिला की हुसैनाबाद विधानसभा सीट हॉट मानी जाती रही है. इस सीट पर सबसे अधिक कांग्रेस का कब्जा रहा है.
1990-2019 तक के चुनाव परिणामों का इतिहास
1990 में इस सीट पर भाजपा के दशरथ कुमार सिंह ने जीत हासिल कर हुसैनाबाद विधानसभा चुनाव का इतिहास बदलने का काम किया था. 1995 में जनता दल के टिकट पर अवधेश कुमार सिंह चुनाव जीते थे. वर्ष 2000 में आरजेडी से संजय कुमार सिंह यादव ने जीत हासिल की थी. जबकि 2005 में कमलेश कुमार सिंह ने हुसैनाबाद सीट पर महाराष्ट्र की पार्टी एनसीपी से चुनाव जीत कर झारखंड सरकार में मंत्री बने थे.2009 में पुनः इस सीट पर आरजेडी के संजय कुमार सिंह यादव ने विजय प्राप्त किया. वहीं, 2014 में मोदी लहर के बावजूद बीएसपी के टिकट पर कुशवाहा शिवपूजन मेहता ने रिकॉर्ड मतों के अंतर से जीत हासिल की थी. अभी तक उनका रिकॉर्ड किसी ने नहीं तोड़ा है.
2019 के चुनाव में कुशवाहा शिवपूजन मेहता आजसू में चले गए. आजसू और बीजेपी में अंतिम समय तक ताल मेल नहीं बैठा. आजसू के टिकट पर कुशवाहा शिवपूजन मेहता और भाजपा के समर्थित उम्मीदवार के रूप में भाजपा नेता विनोद कुमार सिंह मैदान में डटे रहे. दोनों के बीच ताल मेल नहीं होने का नतीजा यह रहा कि विनोद कुमार सिंह को 27789 और कुशवाहा शिवपूजन मेहता को 15544 ही मत मिले. जबकि आरजेडी के संजय कुमार सिंह यादव को 31,444 व बीएसपी के शेर अली को 28877 मत प्राप्त हुए थे. विजेता एनसीपी के कमलेश कुमार सिंह को 41293 मत प्राप्त हुए थे.
2009 के बाद कांग्रेस कमजोर होता रहा