JEE MAIN 2024 : NTA ने जारी की शिफ्टवार स्टूडेंट्स की संख्या, कोचिंग संस्थानों के दावे हुए फेल
JEE MAIN 2024, एनटीए ने जेईई मेन जनवरी अटेम्प्ट में शामिल स्टूडेंट्स की शिफ्टवार संख्या जारी कर दी है. इस एक्जाम का रिजल्ट यानी स्कोर कार्ड 12 फरवरी को जारी होने के बाद विद्यार्थियों में स्कोर व परसेंटाइल को लेकर असंतोष था.
कोटा.नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने जेईई मेन जनवरी अटेम्प्ट में शामिल स्टूडेंट्स की शिफ्टवार संख्या जारी कर दी है. इस एक्जाम का रिजल्ट यानी स्कोर कार्ड 12 फरवरी को जारी हुआ था, जिसके बाद से ही विद्यार्थियों में स्कोर व परसेंटाइल को लेकर असंतोष था. स्टूडेंट्स की ओर से कहा गया कि कुछ शिफ्टों में विद्यार्थियों के कम अंक आने के बाद भी उन्हें अच्छी परसेंटाइल मिल गई, जबकि कुछ शिफ्ट में ज्यादा अंक लाने पर भी कम परसेंटाइल बनी है.
इस बात को लेकर कुछ कोचिंग संस्थानों के एक्सपर्ट भी एनटीए से शिफ्ट के अनुसार विद्यार्थियों की सूची जारी करने की मांग कर रहे थे. साथ यह मुद्दा उठा रहे थे कि जेईई मेन के शुरुआती सेशन में विद्यार्थियों के अच्छे प्राप्तांक पर भी परसेंटाइल स्कोर कम रहा है, जबकि अंतिम शिफ्ट में कम अंक पर भी अच्छे परसेंटाइल दिए गए हैं. एक्सपर्ट ने यह भी दावा किया था कि अलग-अलग शिफ्टों में विद्यार्थियों की संख्या असमान होने के कारण ऐसा हुआ है. इसके बाद नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने अब स्टूडेंट का शिफ्टवार डाटा जारी कर दिया है.
एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि विद्यार्थियों व अभिभावकों के बीच उपजे इस भ्रम को एनटीए ने दूर कर दिया है. जारी किए आंकड़ों के अनुसार शिफ्टवार विद्यार्थियों की संख्या लगभग समान है. देव शर्मा ने बताया कि प्रत्येक शिफ्ट में लगभग एक लाख बीस हजार विद्यार्थियों ने भाग लिया था. उन्होंने बताया कि 27 जनवरी को दूसरी शिफ्ट में अधिकतम 125272 विद्यार्थी शामिल हुए थे, जबकि 1 फरवरी की दूसरी शिफ्ट में विद्यार्थियों की संख्या 116952 थी.
परीक्षा का आयोजन व परिणाम सब कुछ नियमानुसार :एनटीए ने शिफ्ट वाइज डाटा जारी कर साफ कर दिया है कि परीक्षा का आयोजन और परिणाम सब कुछ नियमानुसार हुआ है. देव शर्मा ने बताया कि नॉर्मलाइजेशन प्रोसीजर के तहत प्रत्येक शिफ्ट में विद्यार्थियों की संख्या निर्धारित की जाती है. उसके आधार पर ही नॉर्मलाइज्ड परसेंटाइल जारी की जाती है, जिसे इंडियन स्टैटिस्टिकल इंस्टीट्यूट कोलकाता, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस बैंगलोर व आईआईटी संस्थानों के विशेषज्ञों की रिपोर्ट के आधार पर तैयार किया जाता है.