नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) का आठवां अध्यक्षण समारोह आयोजित किया गया. आई एक्ट के प्रजना भवन में आयोजित समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर श्रीधर पणिकर सोमनाथ ने कहा कि ब्रह्मांड विशाल है, लेकिन मानव क्षमता भी उतनी ही विशाल है.
छात्रों को संबोधित करते हुए सोमनाथ ने नवाचार ( इनोवेशन) के महत्व पर भी प्रकाश डाला और ध्यान दिलाया कि चंद्रयान 3 की सफलता में यह कितना महत्वपूर्ण था. दीक्षांत समारोह में कुल 2,721 छात्र छात्राओं को डिग्रियां प्रदान की गईं. इनमें से 798 पीएचडी, 1,310 मास्टर्स, 364 स्नातक, 109 सर्टिफिकेट कार्यक्रम, 30 डिप्लोमा, 80 ड्यूल डिग्री, 15 इंटीग्रेटेड बीएससी-एमएससी, 13 एडवांस डिप्लोमा और दो पीजी डिप्लोमा में दी गईं डिग्रियां शामिल थीं. दी गई कुल पीएचडी डिग्रियों में से 408 महिलाओं को और 390 पुरुषों को प्रदान की गईं. इस तरह जेएनयू से पीएचडी करने के मामले में इस बार फिर से छात्राएं अव्वल रहीं.
इसरो के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ का सुझाव: सभी छात्र छात्राओं को बधाई देते हुए सोमनाथ ने कहा कि मैं छात्रों को कुछ सुझाव देना चाहूँगा कि जितना हो सके उतना पढ़ें, टीम में काम करना सीखें, अच्छे नेता बनने के लिए सही गुरु चुनें, अच्छा अनुयायी बनें, और जोखिम उठाने के लिए तैयार रहें. उन्होंने कहा कि जब मैं इसरो में शामिल हुआ तो बहुत सारी समस्याएँ और असफलताएँ थीं. हमें हमेशा समुद्र में रॉकेट लॉन्च करने के लिए आलोचना की जाती थी. लेकिन उस समय से लेकर अब तक हमने जो भी नाम कमाया है, वह कई लोगों के योगदान की वजह से है. इसलिए टीम बनाना महत्वपूर्ण है.