मनेंद्रगढ़ में जल जीवन मिशन को ऑक्सीजन की जरूरत, पानी सप्लाई की इस योजना को कौन लगा रहा पलीता - Jal Jeevan Mission
JAL JEEVAN MISSION केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण अंचलों में शुद्ध पेय जल की व्यवस्था का काम जारी है. गांवों में वाटर सप्लाई के लिए पानी की टंकियां बनाए जा रहे हैं. ताकि ग्रामीणों को पीने के लिए शुद्ध पानी मिल सके. लेकिन मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में पानी टंकियों का निर्माण अधूरा पड़ा है, जिसे देखने वाला कोई नहीं. इसलिए आज भी गांव के लोग पीने के पानी के लिए जूझ रहे हैं. WATER TANK CONSTRUCTION PENDING
मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर :एमसीबी के ग्रामीण अंचलों में जल जीवन मिशन के तहत शुद्ध पेय जल के लिए पानी टंकियों का निर्माण कराया जा रहा है. कई गांवों में पानी टंकी निर्माण का काम भी शुरु किया गया. लेकिन डेढ़ से दो साल बीत जाने के बाद भी कई गांवों में टंकियों का निर्माण अधूरा पड़ा है. जिले के ग्राम पंचायत जनुवा के आश्रित गांव पंडौली में भी टंकी निर्माण का कार्य अधूरा है. इसकी शिकायत गांववाले अधिकारियों से कई बार कर चुके हैं. बावजूद इसके कोई सुनवाई नहीं हुई है.
दो साल से अधूरा पड़ा है टंकी निर्माण कार्य : भरतपुर विकासखंड से लगभग 16 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत जनुवा के आश्रित गांव पंडौली में यही स्थिति है. लोक स्वास्थ्य यांत्रिक विभाग ने करीब डेढ़ से दो साल पहले जल जीवन मिशन के तहत पंडौली गांव में पानी टंकी का निर्माण कार्य शुरु किया था, जो आज तक अधूरा पड़ा है. गांववालों में पानी टंकी का काम पूरा नहीं होने को लेकर भारी नाराजगी है.
"दो साल बीत गया, यहां कोई देखने और झांकने तक नहीं आता है. बस चार खंभा गड़ा हुआ है और काम ऐसे ही अधूरा पड़ा है." - गोरेलाल यादव, स्थानीय ग्रामीण
ठेकेदारों की लापरवाही से काम लटका : पंडौली गांव के लोगों ने टंकी निर्माण काम को पूरा करने को लेकर ठेकेदार को कई बार फोन किया. इसके बाद भी ना कभी इस ओर अधिकारी देखने आते हैं और ना ही ठेकेदार अधूरे काम को पूरा करने में रूचि ले रहे हैं. ठेकेदारों की लापरवाही का खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है.
"दो साल बीत गया, यहां कोई देखने और झांकने तक नहीं आता है. बस चार खंभा गड़ा हुआ है और काम ऐसे ही अधूरा पड़ा है. हमने ठेकेदार से फोन पर कई बार कहा कि आकर टंकी बना दीजिए. हर बार ठेकेदार कहते हैं कि आएंगे और जल्दी काम शुरू करके टंकी को बना देंगे, लेकिन आज भी टंकी का काम अधूरा पड़ा हुआ है." - रमेश कुमार सिंह, वार्ड पंच
भरतपुर के लोगों को कैसे मिलेगा पानी ? : केंद्र सरकार अपनी इस योजना के तहत करोड़ों रुपए खर्च कर रही है. इस योजना के तहत काम भी शुरु किया गया, लेकिन अधिकारियों-ठेकेदारों की लापरवाही और आपसी तालमेल में कमी इस योजना की सफलता में बाधक बन रही है. इसी वजह से आज भी पंडौली गांव में पानी टंकी निर्माण अधूरा पड़ा हुआ है.
"हमारे गांव में काम शुरु हुए करीब दो साल होने जा रहा है. जल जीवन मिशन के तहत जो पानी की टंकी बनाई जा रही है, वह आज भी अधूरा पड़ा हुआ है. ऐसे ही स्थिति जनुवा, पंडौली, मरखोही गांव में भी हैं. आज तक पाइप कनेक्शन नहीं किया गया है. किसी के घर में पाइप लगी भी है तो कनेक्शन नहीं पहुंचा." - भगत सिंह नेटी, सरपंच, जनुवा गांव
अधूरे निर्माण को लेकर अधिकारी की सफाई : पीएचई विभाग के अधिकारी चंद्र बदन सिंह ने कहा कि, "हम लगातार जल मिशन योजना के तहत जो भी कार्य हो रहा है, उस पर नजर बनाए हुए हैं. बहुत सारे कार्य अभी पूर्ण नहीं हो पाए हैं और बहुत सारे कामों में थोड़ी परेशानियां आ रही है. इसके लिए ठेकेदार पूरा प्रयास कर रहे हैं. उस जगह में परेशानियां बढ़ी हुई है."
छत्तीसगढ़ में जल जीवन मिशन के काम में तेजी को लेकर अधिकारी दावे तो करह रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत उससे परे है. एमसीबी जिलसे के कई गांवों में पानी टंकी निर्माण कार्य के अधूरे पड़े होने को लेकर ग्रामीणों में नाराजगी है. अब देखना होगा कि अधिकारी और ठेकेदार इन कामों को कब तक पूरा करते हैं.