लखनऊ: दो वर्ष से ज्यादा छुट्टी पर रहे सरकारी ड्राइवर को गलत तरीके से लाभ देने के आरोप में सस्पेंड किए गए 2008 बैच के आईपीएस जुगुल किशोर तिवारी बहाल कर दिए गए हैं. माना जा रहा है कि यह फैसला अगले माह होने वाले उनके रिटायरमेंट को देखते हुए लिया गया है. जुगुल किशोर सस्पेंड होने के दौरान अग्निशमन विभाग में डीआईजी के पद पर तैनात थे.
योगी सरकार ने 9 जुलाई को मूल रूप से महोबा के रहने वाले 2008 बैच के आईपीएस अफसर जुगुल किशोर तिवारी को सस्पेंड किया था. दरअसल, उन्नाव जिले में तैनात फायर विभाग का ड्राइवर बीमारी के चलते कई दिनों तक ड्यूटी से गायब था. बिना अनुमति के ड्यूटी से गायब रहने पर उसे एक साथ दो सजा दी गई थी. जिसके चलते तत्कालीन डीआईजी जुगुल किशोर तिवारी ने एक अपराध में दो सजा नहीं देने के सिद्धांत में ड्राइवर को क्लीन चिट दे दी थी. जिसके बाद शासन ने उन्हे सस्पेंड कर दिया था.
तिवारी के सस्पेंशन को लेकर सोशल मीडिया में एक धड़े ने इसको गलत फैसला बताते हुए उन्हें ब्राह्मण अधिकारी होने की सजा बताई थी. इतना ही नहीं आईपीएस ने खुद सस्पेंड होने के बाद सोशल मीडिया में गीता के कई श्लोक पोस्ट किए थे. उन्होंने सस्पेंड का आदेश जारी होते ही लिखा था कि, इन वर्षों में मैंने क्या सेवा की, मेरे सभी प्रयास, बिना किसी डर के. यदि मैं किसी भी "गिरे हुए मन" को "उठाने" में सफल हो जाऊं, समय मानवजाति के प्रति मेरी सेवा का साक्षी बनेगा।' अफसर के इस पोस्ट से साफ है कि वो सरकार के फैसले से खुश नहीं थे, जबकि उन्हें अपने द्वारा लिए गए फैसले पर कोई भी पछतावा नहीं है.