गोरखपुर: भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद यानी ICHR के अध्यक्ष, पद्मश्री राघवेंद्र तंवर ने कहा कि यह संस्था किसी एक इतिहास को हटाकर दूसरा इतिहास बनाने के प्रयास में नहीं है. उसके द्वारा तो बस सच्चाई को सामने लाने का प्रयास हो रहा है. ICHR का प्रयास है कि जो झूठ है उसे लोग नकारें और सच्चाई को स्वीकार करें. क्योंकि सच्चाई को लिखना जितना आसान है, झूठ की कल्पना करना बहुत ही मुश्किल होता है.
भारतीय अभिलेखागार में इतिहास से जुड़े जो तथ्य मौजूद हैं, उन्हीं को ICHR समाज के सामने लाने का प्रयास कर रहा है. क्योंकि भारतीय इतिहास में जो गलत तथ्य प्रस्तुत हो गए हैं, उसमें सुधार कार्य करने की बहुत जरूरत है, जिसे भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद कर रहा है. हमारी कोशिश है कि जिस सच्चाई को अब तक दबाकर रखा गया है, उसको हम सामने लाकर जनता को उससे रूबरू कराएं.
पद्मश्री तंवर बुधवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 108वीं जयंती पर ICHR द्वारा आयोजित इतिहास से जुड़े अनछुए पहलुओं की संगोष्ठी को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करने आए थे. पं दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में कार्यक्रम के बाद उन्होंने ईटीवी भारत से यह खास बातचीत की.
उन्होंने कहा कि भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद दिल्ली के बाहर बहुत कम ऐसे संगोष्ठी और सेमिनार का आयोजन करता है. कुछ समय पहले जम्मू-कश्मीर में आयोजन हुआ था. लेकिन, पूर्वांचल की धरती पर यह पहली बार हुआ है, जब इतिहास से जुड़े तथ्यों को लेकर बड़ा मंथन हो रहा है. उन्होंने संगोष्ठी में लोगों की मौजूदगी को इतिहास के प्रति रुचि का होना बताया और कहा कि भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद उस विषय को उठा रहा है जो छुपाया गया है.