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हजारीबाग में कृषि वैज्ञानिकों का लगा जमावड़ा, उन्नत खेती पर किया गया विचार-विमर्श - NATIONAL SEMINAR ON AGRICULTURE

हजारीबाग के सीआरयूआरआरएस संस्थान में कई राज्यों के कृषि वैज्ञानिकों का जुटान हुआ. इस दौरान फसलों में लगने वाली बीमारियों पर चर्चा की गई.

Agriculture Seminar In Hazaribag
हजारीबाग में कृषि आधारित राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते बीएयू के कुलपति डॉ. सुनील चंद्र दुबे. (फोटो-ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 29, 2024, 2:37 PM IST

हजारीबाग: आईसीएआर-एनआरआरआई केंद्रीय वर्षा आधारित उच्चभूमि चावल अनुसंधान केंद्र (सीआरयूआरआरएस) हजारीबाग और भारतीय फाइटोपैथोलॉजिकल सोसाइटी नई दिल्ली के सहयोग से 28-29 नवंबर को सीआरयूआरआरएस परिसर में “स्थायी कृषि के लिए फसलों में जैविक और अजैविक तनाव प्रबंधन के लिए समग्र दृष्टिकोण” पर आईपीएस ईस्ट जोन मीट सह राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि बिरसा कृषि विश्वविद्यालय रांची के कुलपति डॉ. सुनील चंद्र दुबे ने किया.

कई राज्यों के कृषि वैज्ञानिकों ने भाग लिया

हजारीबाग में आयोजित इस राष्ट्रीय सम्मेलन में पश्चिम बंगाल, आडिशा, बिहार, झारखंड समेत कई राज्यों के कृषि वैज्ञानिकों ने भाग लिया. साथ ही विभिन्न विश्वविद्यालयों में कृषि पर अध्ययन कर रहे है विद्यार्थी भी इस सेमिनार में शामिल हुए. मुख्य अतिथि बीएयू रांची के कुलपति डॉ. सुनील चन्द्र दुबे ने पादप रोग फैलाने वाले मुख्य फफूंद फ्यूजेरियम कुल की विविधता और इसके प्रबंधन के विषय की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन से किसानों को लाभ मिलता है.

हजारीबाग में कृषि आधारित राष्ट्रीय सम्मेलन की जानकारी देते बीएयू के कुलपति और कृषि वैज्ञानिक. (वीडियो-ईटीवी भारत)

बेहतर खेती को लेकर वैज्ञानिकों ने की चर्चा

राष्ट्रीय सेमिनार में कृषि क्षेत्र में हुए अनुसंधान और बेहतर खेती कैसे करें इसे लेकर वैज्ञानिकों ने आपस में चर्चा की, ताकि निष्कर्ष तक पहुंचा जा सके. इस संबंध में कृषि वैज्ञानिक डॉ. अमृता बनर्जी ने बताया कि खेती करने के दौरान फसल में कई तरह के बीमारी लग जाती है. जिससे पैदावार पर असर पड़ता है. नेशनल कॉन्फ्रेंस में बीमारियों पर भी चर्चा की गई, ताकी समस्या का समाधान हो सके. हजारीबाग के मासीपिढ़ी स्थित कृषि अनुसंधान केन्द्र में कृषि वैज्ञानिकों का जमावड़ा लगा है. जिसका लाभ किसानों को मिलेगा.

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