हजारीबाग: आईसीएआर-एनआरआरआई केंद्रीय वर्षा आधारित उच्चभूमि चावल अनुसंधान केंद्र (सीआरयूआरआरएस) हजारीबाग और भारतीय फाइटोपैथोलॉजिकल सोसाइटी नई दिल्ली के सहयोग से 28-29 नवंबर को सीआरयूआरआरएस परिसर में “स्थायी कृषि के लिए फसलों में जैविक और अजैविक तनाव प्रबंधन के लिए समग्र दृष्टिकोण” पर आईपीएस ईस्ट जोन मीट सह राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि बिरसा कृषि विश्वविद्यालय रांची के कुलपति डॉ. सुनील चंद्र दुबे ने किया.
कई राज्यों के कृषि वैज्ञानिकों ने भाग लिया
हजारीबाग में आयोजित इस राष्ट्रीय सम्मेलन में पश्चिम बंगाल, आडिशा, बिहार, झारखंड समेत कई राज्यों के कृषि वैज्ञानिकों ने भाग लिया. साथ ही विभिन्न विश्वविद्यालयों में कृषि पर अध्ययन कर रहे है विद्यार्थी भी इस सेमिनार में शामिल हुए. मुख्य अतिथि बीएयू रांची के कुलपति डॉ. सुनील चन्द्र दुबे ने पादप रोग फैलाने वाले मुख्य फफूंद फ्यूजेरियम कुल की विविधता और इसके प्रबंधन के विषय की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन से किसानों को लाभ मिलता है.
बेहतर खेती को लेकर वैज्ञानिकों ने की चर्चा