रांची:झारखंड सरकार के पर्यटन विभाग और ऊर्जा उत्पादन निगम लिमिटेड के खातों से 107 करोड़ रुपए के फर्जी निकासी मामले में गठित एसआईटी की टीम अब 302 से ज्यादा उन खातों को खंगालने में जुटी है. जिनमें 107 करोड़ रुपये की अवैध निकासी की गयी है.
बैंक खातों की जांच
झारखंड में सरकारी कर्मियों और बैंक कर्मियों की मिलीभगत से करोड़ों रुपए के गबन के मामले में झारखंड सीआईडी की टीम अपनी जांच में जुटी हुई है. अब तक इस मामले में 70 लाख से ज्यादा रुपये बरामद करते हुए सीआईडी ने केनरा बैंक के मैनेजर सहित आधा दर्जन लोगों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है.
अब जिन बैंक खातों के जरिये करोड़ो की राशि का बंदरबाट किया गया उनकी जांच शुरू की गई है. झारखंड सीआईडी के डीजी अनुराग गुप्ता ने बताया कि यह मामला काफी गंभीर है. उन्होंने कहा कि एसआईटी की टीम इसमे काफी मेहनत कर रही है.
उन सभी 302 खातों की जांच भी शुरू की गई है जिनमें करोड़ों की राशि डाली गई थी. जांच में यह बात भी सामने आई है की ऐसे कई खातों में भी पैसे गए है जिनका इस घोटाले से कोई तालुक नहीं है. अब तक 302 से ज्यादा बैंक खातों को फ्रीज किया जा चुका है. इस के अतिरिक्त जिनके नाम से बैंक खाते हैं उन्हें भी नोटिस जारी किया गया है.
सूचना भी डाली गई है
झारखंड सीआईडी के द्वारा प्रेस रिलीज के द्वारा वैसे सभी खाता धारी जिनके खाते, 107 करोड़ की फर्जी निकासी मामले में फ्रीज किये गए है उन्हें सीआईडी में आकर एसआईटी के सामने अपना पक्ष रखने को कहा गया है. सीआईडी से मिली जानकारी के अनुसार कोलकाता, दिल्ली जैसे शहरों से भी वैसे लोग भी सामने आ रहे हैं जिनके खाते फ्रीज किये हुए हैं.
मिलीभगत से हुई निकासी
बता दें कि महाप्रबंधक (वित्त), झारखंड पर्यटन विकास निगम लि०, रांची के द्वारा दिनांक 28 सितंबर को धुर्वा थाना में फर्जी अकाउंट बनाकर अवैध तरीके से 10 करोड़ 40 लाख रुपये के निकासी के संबंध में एफआईआर दर्ज की गई थी. इस केस में गिरजा प्रसाद, जेटीडीसी रांची आलोक कुमार, जेटीडीसी रांची अमरजीत कुमार, तत्कालीन शाखा प्रबंधक केनरा बैंक, निफ्ट शाखा, हटिया के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए 4 अक्टूबर को यह केस सीआईडी को ट्रांसफर किया गया, जिसके बाद मामले की जांच का जिम्मा एसआईटी के सुपुर्द किया गया.
साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर भी शिकायत
वहीं 03 अक्टूबर को जीएम, फाइनेंस, झारखंड टूरिज्म डेवलेपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा 10.4 करोड़, झारखंड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के मास्टर ट्रस्ट द्वारा 09 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी कर फर्जी अकाउंट के द्वारा निकासी की शिकायत नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीसीआरपी) पर दर्ज कराई गई तथा दिनांक 04.10.2024 को झारखंड ऊर्जा उत्पादन निगम लिमिटेड द्वारा 40.5 करोड़ तथा झारखंड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के मास्टर ट्रस्ट द्वारा 56.5 करोड़ की राशि का फर्जी अकाउंट के द्वारा निकासी की शिकायत पोर्टल पर दर्ज करायी गई है. जांच करने के दौरान एसआईटी को अबतक 302 से ज्यादा फर्जी अकाउंट का पता चला है. इन अकाउंट को फ्रीज कर सरकार के साढ़े 39 करोड़ रुपये को भी फ्रीज किया गया है.
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