कानपुर : अधिकतर लोगों के घरों या दफ्तरों में एयर कंडीशनर (एसी) जरूर लगे होते हैं. एसी आपको ठंडी हवा तो जरूर देती है, लेकिन इससे निकलने वाली ठंडी हवा लोगों के लिए कितनी शुद्ध है, शायद इसकी उन्हें जानकारी नहीं होती. कई बार ऐसा सुनने और देखने को भी मिल जाता है कि जहां पर एसी लगे होते हैं वहां पर धूल की कणों की अधिकता थोड़ी बढ़ जाती है. जिस वजह से कहीं न कहीं लोगों को सांस लेने में भी काफी दिक्कत होती है. ऐसे में अब लोगों को शुद्ध हवा मिल सके इसलिए आईआईटी कानपुर के इंक्यूबेटर ने एक एसी एयर प्यूरीफायर फिल्टर तैयार किया है, जोकि एसी की हवा को अब 2 घंटे के अंदर 90% से अधिक तक शुद्ध कर देगा. इस एसी एयर प्यूरीफायर के जरिए अब सर्दी में भी लोग फैन मोड ऑन करके शुद्ध हवा प्राप्त कर सकेंगे.
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान आईआईटी कानपुर के इंक्यूबेटर रवि कौशिक ने बताया कि इस एसी एयर प्यूरीफायर को हम गर्मियों के अलावा सर्दियों में भी इस्तेमाल कर सकते हैं. कई बार सर्दियों में धुंध और प्रदूषण काफी ज्यादा चिंता का विषय बन जाता है. हमने इसी समस्या को देखते हुए एक बेहद ही सरल और आसान तकनीक को इस एसी एयर प्यूरीफायर के जरिए विकसित किया है. इस एसी एयर प्यूरीफायर को सर्दियों में फैन मोड को ऑन करके भी इस्तेमाल किया जा सकता है. इसको एसी के ऊपर रखने मात्र से ही आपका एसी सर्दियों में भी शुद्ध हवा देगा. साथ ही एसी से निकलने वाले प्रदूषण के कण और वायरस को भी दूर करेगा.
आईआईटी कानपुर के इंक्यूबेटर रवि कौशिक का दावा है, कि इस एसी एयर प्यूरीफायर का उपयोग करने के बाद हमारे कमरे या ऑफिस में मौजूद पार्टिकुलेटेड मैटर 2.5 धूल के महीन कण व पीएम-1 स्तर के कण और बैक्टीरिया पूरी तरह से खत्म हो जाते हैं, जिससे लोगों को एसी के जरिए शुद्ध हवा मिलने लगती है. उनका कहना है कि वह दिल्ली के रहने वाले हैं और वह काफी समय से ही देख रहे हैं कि यह प्रदूषण कैसे लोगों के जीवन को समाप्त कर रहा है. उनका ऐसा मानना है कि आज के इस युग में एसी लोगों की सबसे जरूरतमंद चीज बन गई है. सभी लोग घरों में एक एयर प्यूरीफायर लगा सकें, ऐसा संभव नहीं है, लेकिन एसी लगभग घरों में है. इसी चीज को देखते हुए हमने इस तरह का फिल्टर बनाया है, जिसे लगाते ही नॉर्मल एसी भी एयर प्यूरीफायर एसी बन जाएगा और लोगों को शुद्ध हवा मिल सकेगी.
अब तक 25 हजार घरों में अपडेट कर चुके यह एसी एयर प्यूरीफायर :रवि कौशिक ने बताया कि इस एसी प्यूरीफायर को तैयार करने में 2 साल का समय लगा है और इसका परीक्षण आईआईटी कानपुर के वरिष्ठ प्रोफेसर सच्चिदानंद की प्रयोगशाला में किया जा चुका है. इसके साथ ही उन्होंने इस एसी एयर प्यूरीफायर के फ़िल्टर का परीक्षण दिल्ली, कानपुर, गाजियाबाद में होने वाले प्रदूषण से अधिक प्रदूषित एरोसॉल के साथ प्रशिक्षण भी किया है. हमारा एसी फिल्टर 90% तक प्रदूषण कम करने में सक्षम है. उन्होंने बताया कि, करीब 16 से 18 महीना से यह मार्केट में अवेलेबल भी है और अब तक हम करीब 25000 एसी को अपडेट भी कर चुके हैं. लोगों के बीच इसका अच्छा खास रिस्पांस भी देखने को मिल रहा है.