मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर:भारत सदियों से रहस्यमयी और सांस्कृतिक परंपराओं का देश रहा है. अतीत में इसे 'आर्यावर्त' के नाम से जाना जाता था. यानी आर्यों की भूमि. यहां की प्राचीन कहानियों ने लोगों के दिलों पर अपनी गहरी छाप छोड़ी है. ऐसी ही एक किवंदती इच्छाधारी नाग और नागिन की है. यह नाग और नागिन मनुष्य का रूप धरकर मिलन करते थे. ये बातें आज भी जीवित हैं. छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़ जिला मुख्यालय के पास ऐसी है एक 'नाग गुफा' है. यहां के लोगों का कहना है कि आज भी सपने में अक्सर नाग नागिन आते हैं.
कहां है इच्छाधारी नाग नागिन की गुफा ?:मनेंद्रगढ़ से करीब 10 किलोमीटर दूर चिरमिरी के पास स्थित गुफा है. जिसे लोग नाग गुफा के नाम से जानते हैं. यह गुफा पहाड़ों, चट्टानों और हरे-भरे जंगलों से घिरी हुई है. यहां का प्राकृतिक वातावरण लोगों का मन मोह लेता है. जंगल के बीच से गुजरता रास्ता नाग गुफा तक पहुंचने का रोमांचक अनुभव देता है. ग्रामीण बताते हैं कि इस गुफा में कभी इच्छाधारी नाग और नागिन रहते थे, जो रात के अंधेरे में मनुष्य का रूप धारण कर मनुष्यों जैसे ही क्रियाकलाप करते थे.
ग्रामीणों की मान्यताओं में बसा नाग नागिन का रहस्य: ग्रामीण का कहना है कि उनके पूर्वज इस स्थान को इच्छाधारी नाग और नागिन का निवास मानते थे. उनके अनुसार, कभी-कभी नाग-नागिन को मनुष्य रूप में बदलते हुए देखा गया था. यह कहानी पीढ़ियों से ग्रामीणों के बीच प्रचलित है, जिसे वे अपने बच्चों को भी सुनाते हैं और आस्था के रूप में संजो कर रखते हैं.
पुराने जमाने के लोग बताते हैं कि यहां नाग नागिन आते थे और कलाएं करते थे. अब भी इसकी मान्यता है. हर रोज सुबह शाम पूजा होती है-बृजमोहन, ग्रामीण