चंडीगढ़: ईमानदारी के लिए जाने जाने वाले वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका को कई सालों के अंतराल के बाद एक महत्वपूर्ण विभाग में नियुक्त किया गया है, लेकिन ये उनकी सेवानिवृत्ति से मात्र पांच महीने पहले हुआ है. बता दें कि 33 साल के करियर में उनकी 57 पोस्टिंग हो चुकी है. 1991 बैच के आईएएस अधिकारी अशोक खेमका मुद्रण और स्टेशनरी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव थे. उनका रविवार को तबादला कर दिया गया.
IAS अधिकारी अशोक खेमका का तबादला: 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी नवदीप विर्क के स्थान पर परिवहन विभाग का एसीएस नियुक्त किया गया है. बता दें कि अशोक खेमका 30 अप्रैल 2025 को सेवानिवृत्त होंगे. अब वो परिवहन विभाग में वापस आ गए हैं, जिसे वर्तमान में मंत्री अनिल विज संभाल रहे हैं. मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली तत्कालीन भाजपा सरकार के पहले कार्यकाल में उन्हें परिवहन आयुक्त के पद से लगभग 10 साल के लिए स्थानांतरित कर दिया गया था. उस समय खेमका ने परिवहन विभाग में बमुश्किल चार महीने ही काम किया था.
विवादों से रहा है आईएएस अधिकारी का नाता: तत्कालीन परिवहन आयुक्त के रूप में खेमका ने ऑटोमोबाइल और सफेद वस्तुओं के परिवहन के लिए बड़े आकार के ट्रकों और ट्रेलरों को फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने से इनकार कर दिया था, जिसके कारण जनवरी में ट्रक चालकों ने हड़ताल कर दी थी. बाद में, राज्य सरकार द्वारा केंद्रीय मोटर वाहन नियम (CMVR), 1989 के अनुसार अपने वाहनों को संशोधित करने के लिए एक वर्ष का समय दिया. जिसके बाद राज्य के ट्रक चालकों ने अपनी हड़ताल वापस ले ली.
सोशल मीडिया के जरिए जता चुके रोष: मनोहर लाल की तत्कालीन बीजेपी सरकार द्वारा पुरातत्व और संग्रहालय विभाग में स्थानांतरित किए जाने के बाद 10 साल पहले खेमका ने एक ट्वीट में कहा था "भ्रष्टाचार को दूर करने और गंभीर सीमाओं और निहित हितों के बावजूद परिवहन में सुधार लाने के लिए कड़ी मेहनत की. ये क्षण वास्तव में दर्दनाक है."