मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर एमसीबी के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत सलका में करीब एक करोड़ 80 लाख रुपए की लागत से जल संसाधन विभाग ठेकेदारी प्रथा के आधार पर नहर का निर्माण करवा रहा है. इस नहर का मुख्य उद्देश्य किसानों को सिंचाई के लिए जल उपलब्ध कराना था.लेकिन निर्माण के दौरान गुणवत्ता से समझौता किया गया.जिसका असर ये हुआ कि मौजूदा समय में नहर की दीवारों में दरार आ गई है.
मामला सामने आने के बाद निर्माण सुधरवाने की बात :वहीं इस पूरे मामले की जानकारी जल संसाधन विभाग के जिला मुख्य कार्यपालन अभियंता को दी गई.जिसके बाद उन्होने कहा कि ठेकेदार को नहर निर्माण में जो भी कमी है उसे सुधारने के लिए निर्देशित किया गया है. लेकिन अब सवाल ये है कि यदि निर्माण के समय ही जल संसाधन विभाग के अधिकारी एसी कमरों से बाहर निकलते तो नहर की ये दुर्दशा नहीं होती.वहीं इस बारे में जब निर्माण कार्य के दौरान मौजूद मुंशी से निरीक्षण पंजी और इस्टिमेट मांगा गया तो उनके पास नहीं मिला