शिमला: आर्थिक संकट से जूझ रही हिमाचल सरकार ने 16वें फाइनेंस कमीशन के आगे झोली फैलाई है. बड़ी परियोजनाओं के लिए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने स्पेशल ग्रांट का आग्रह किया है. सुक्खू सरकार चाहती है कि गगल एयरपोर्ट, पूर्व सीएम जयराम ठाकुर के ड्रीम प्रोजेक्ट शिव धाम, महत्वपूर्ण सड़कों व पुलों के लिए फाइनेंस कमीशन उदार आर्थिक सहायता की सिफारिश करे. इसके लिए राज्य सरकार ने 15,700 करोड़ रुपए का विशेष अनुदान मांगा है. ये अनुदान रूटीन में मिलने वाली आर्थिक मदद से अतिरिक्त है.
नशा मुक्ति केंद्रों के लिए 1200 करोड़ अनुदान की मांग
राज्य सरकार ने कई मदों में विशेष अनुदान दिए जाने का आग्रह किया है. हिमाचल में बढ़ती नशे की समस्या से निपटने के लिए नशा मुक्ति केंद्रों की जरूरत है. इसके लिए भी सुखविंदर सरकार ने फाइनेंस कमीशन से 1200 करोड़ रुपए मांगे हैं. उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में दयनीय हालत में चल रहे नशा मुक्ति केंद्र ग्रांट न मिलने के कारण बंद होने के कगार पर हैं. हाईकोर्ट ने इसके लिए राज्य सरकार को फटकार भी लगाई है. चूंकि राज्य सरकार के खजाने का बड़ा हिस्सा कर्मचारियों के वेतन व पेंशन सहित कर्ज की अदायगी में खर्च हो जाता है, लिहाजा अन्य कार्यों के लिए खजाने में पर्याप्त धन नहीं रहता है.
गगल एयरपोर्ट के लिए मांगे 3500 करोड़
हिमाचल सरकार अपने बूते बड़े प्रोजेक्ट पूरे नहीं कर सकती. इसके लिए वो केंद्र पर निर्भर है. अगर फाइनेंस कमीशन ने हिमाचल की मांगों पर गौर किया तो राज्य सरकार को कुछ राहत मिल सकती है. उल्लेखनीय है कि हिमाचल दौरे पर आए सोलहवें वित्त आयोग के सामने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य की कमजोर आर्थिक स्थितियों का जिक्र किया है. साथ ही पर्यटन सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए कनेक्टिविटी का मसला उठाया है. इसी के तहत गगल एयरपोर्ट के लिए 3500 करोड़ रुपए की मांग की है.
बरसात में ध्वस्त होते हैं एनएच व पुल, मरम्मत को चाहिए बड़ी रकम
हिमाचल प्रदेश को बरसात के सीजन में भारी नुकसान होता है. पिछले मानसून सीजन में हिमाचल में 10 हजार करोड़ रुपए से अधिक की सरकारी संपत्ति नष्ट हो गई थी. सैंकड़ों सड़कें व पुल बह गए थे. राज्य सरकार ने फाइनेंस कमीशन से आग्रह किया है कि उसे सड़कों व पुलों के निर्माण व मरम्मत आदि के लिए कम से कम 5000 करोड़ रुपए दिए जाएं.
पूर्व सीएम जयराम के ड्रीम प्रोजेक्ट का भी ख्याल
राज्य सरकार ने पूर्व सीएम जयराम ठाकुर के ड्रीम प्रोजेक्ट शिव धाम का भी ख्याल रखा है. इसके लिए सुखविंदर सरकार ने आर्थिक मदद देने की मांग उठाई है. पर्यटन व कनेक्टिविटी एक-दूसरे के पूरक हैं. पर्यटन सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए पिछले वित्तायोग ने भी राज्य सरकार को सलाह दी थी. अब हिमाचल सरकार ने गगल एयरपोर्ट के लिए 3500 करोड़ रुपए की मांग की है. इससे पूर्व जयराम सरकार के दौर में भी तत्कालीन फाइनेंस कमीशन ने मंडी के ग्रीन फील्ड इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए एक हजार करोड़ रुपए मंजूर किए थे. ये अलग बात है कि कमीशन की सिफारिश के बावजूद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने वो राशि राज्य सरकार को नहीं दी. चूंकि एयरपोर्ट जैसी बड़ी परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण में मुआवजे के रूप में बड़ा अमाउंट चाहिए होता है, लिहाजा राज्य सरकार ने 3500 करोड़ केवल उपरोक्त एयरपोर्ट के लिए मांगे हैं.