हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

हिमाचल पर्यटन निगम में नई भर्तियों पर HC की रोक, दयनीय वित्तीय स्थिति पर दी चेतावनी; सुधार नहीं किया तो संपत्तियों पर जड़ देंगे ताला

हिमाचल पर्यटन निगम रिटायर्ड कर्मचारियों को पेंडिंग वित्तीय लाभ नहीं दे पा रहा. इसको लेकर हाईकोर्ट ने निगम को कड़ी चेतावनी दी है.

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 4 hours ago

Updated : 4 hours ago

HC
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट शिमला (फाइल फोटो)

शिमला:हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) के रिटायर्ड कर्मचारियों को उनके देय वित्तीय लाभ नहीं मिल रहे हैं. पर्यटन विकास निगम ने रिटायर्ड कर्मचारियों के भुगतान न करने को लेकर अदालत में अपनी कमजोर वित्तीय स्थिति का हवाला दिया. इस पर हाईकोर्ट ने पर्यटन विकास निगम प्रबंधन को बड़ी चेतावनी दी है.

अदालत ने कहा यदि निगम ने सुधार के कदम न उठाए तो मजबूरी में एचपीटीडीसी की संपत्तियों पर ताला लगाने के आदेश जारी किए जाएंगे. इसके अलावा हाईकोर्ट ने पर्यटन विकास निगम में किसी भी तरह की नई भर्तियों पर रोक लगा दी है.

हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि अदालत की अनुमति के बिना किसी भी पद पर निगम प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष, अनुबंध या आउटसोर्स आधार पर कोई नई नियुक्ति नहीं करेगा.

मामले में सुनवाई के दौरान हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम ने देनदारी के भुगतान में हो रही देरी का कारण दयनीय वित्तीय स्थिति को बताया है. इस पर हाईकोर्ट ने निगम के कुप्रबंधन को खराब वित्तीय स्थिति का जिम्मेदार ठहराया साथ ही अदालत ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने कोई सुधारात्मक कदम नहीं उठाया तो एचपीटीडीसी की संपत्तियों पर ताला लगाने के आदेश देने के अलावा कोई विकल्प नहीं रह जाएगा.

एचपीटीडीसी एक अलग स्वामित्व वाला निगम है और राज्य या निगम के लिए वरदान होने के बजाय ये खजाने पर अभिशाप बनता जा रहा है. मामले में हाईकोर्ट ने राज्य पर्यटन विभाग के सचिव को प्रतिवादी बनाया था साथ ही उन्हें अदालत की तरफ से उठाए गए मुद्दों पर हलफनामा दायर करने के आदेश दिए थे, ताकि पर्यटन निगम की संपत्तियों को लाभ कमाने वाली इकाइयों में बदलने के लिए कुछ किया जा सके.

हाईकोर्ट ने एचपीटीडीसी के प्रबंध निदेशक द्वारा पेश किए हलफनामे का अवलोकन करने के बाद निगम की आर्थिक हालत को चिंताजनक बताया था. निगम के अनुसार, 31 अगस्त 2024 तक रिटायर कर्मचारियों को देय राशि के भुगतान की रकम 35.13 करोड़ रुपये थी.

कोर्ट ने इस स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश को देवभूमि कहा जाता है और एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल के रूप में मशहूर होने के बावजूद एचपीटीडीसी की संपत्तियां (होटल-रेस्तरां आदि) पर्यटकों को पर्याप्त संख्या में आकर्षित नहीं कर पा रही हैं.

कोर्ट ने कहा था कि ऐसा नहीं है कि प्रदेश में पर्यटक नहीं आ रहे हैं, परंतु मुद्दा यह है कि एचपीटीडीसी की संपत्तियों के प्रमुख पर्यटन स्थानों पर होने के बावजूद वे इनका उपयोग नहीं कर रहे हैं.

पर्यटक एचपीटीडीसी के होटलों की बजाय निजी होटलों में रहना और निजी रेस्तराओं में भोजन करना पसंद करते हैं. उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में पर्यटन विकास निगम के इक्का-दुक्का होटल ही लाभ में हैं. बाकी सब घाटे में चल रहे हैं.

ये भी पढ़ें:दिवाली पर लोगों की सुविधा के लिए HRTC देगा स्पेशल सर्विस, इन रूटों पर दौड़ेंगी 44 बसें

Last Updated : 4 hours ago

ABOUT THE AUTHOR

...view details