आगरा:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आगरा के छीपीटोला स्थित मुगलिया हमाम को तोड़ने पर रोक लगा दी है. इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. इस पर गुरुवार को अवकाश बाद भी न्यायमूर्ति सलील राय और माननीय न्यायमूर्ति समीत गोपाल ने सुनवाई की. जिसमें याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विक्रांत डबास, अधिवक्ता शाद खान और अधिवक्ता चंद्र प्रकाश सिंह ने अपनी दलीलें प्रस्तुत कीं. जिसमें मुगलिया दौर के हमाम की राष्ट्रीय महत्व की विरासत के रूप में संरक्षित करने की आवश्यकता पर जोर दिया. इसके विध्वंस को रोकने की अपील की.
बता दें, कि मुगलिया दौर में मुगल बादशाह जहांगीर के कृपापात्र पांच हजारी सरदार अली वरदी खान ने सन 1620 में ये आलीशान हमाम बनवाया था. जिसमें ठंडे और गर्म पानी की व्यवस्था थी. हमाम की सुविधा और खूबसूरती देखकर मुगल बादशाह जहांगीर भी एक दिन हमाम में आए. उन्होंने हमाम में स्नान किया. इसके बाद ये हमाम बेहद खास हो गया. वरिष्ठ इतिहासकार राजकिशोर 'राजे' बताते हैं, कि जब मुगलिया दौर के बाद अंग्रेजी हुकूमत भारत में आई तो 1857 के विद्रोह के बाद अंग्रेजों ने मुगलकालीन भवन, हमाम और अन्य स्मारक बेच दिए.
बिल्डर तोड़ रहा हमाम, हाईकोर्ट में जनहित याचिका: मुगलकालीन हमाम के ढहाए जाने और दर्जनों परिवार के बेघर करने की खबर पर कई संगठन आगे आए. उन्होंने हमाम तोड़ने को लेकर मुहिम शुरू की. बुधवार को इसको लेकर विरासत विदाई वॉक किया. इसके साथ ही इसको लेकर एक जनहित याचिका भी इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर की गई. इस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई. इसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई), उप्र पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के साथ ही आगरा पुलिस कमिश्नर को विपक्षी बनाया गया है.
हाईकोर्ट ने हमाम तोड़ने पर लगाई रोक, पुलिस कमिश्नर को दिए सुरक्षा के निर्देश, 27 जनवरी को अलगी सुनवाई - AGRA NEWS
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हमाम तोड़ने पर रोक लगा दी है. हमाम को लेकर दायर याचिका की सुनवाई में 27 जनवरी तक का स्टे दिया है.
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Dec 26, 2024, 9:53 PM IST
इसे भी पढ़ें -400 साल पुराना मुगल बादशाह जहांगीर का हमाम चर्चा में क्यों? जानिए इसका इतिहास - HISTORY OF JAHANGIR HAMMAM
सुनवाई में याचिकाकर्ता अधिवक्ता ने दिए ये तर्क :याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने सुनवाई में पक्षा रखा कि एएसआई ने एक साल पहले हमाम का सर्वेक्षण किया था. तब उसे ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बताया था. लेकिन, भी तक प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल एवं अवशेष अधिनियम, 1958 के तहत आधिकारिक रूप से संरक्षित स्मारक घोषित नहीं किया गया है. जबकि, स्मारक को बचाना एएसआई और प्रदेश पुरातत्व विभाग का कर्तव्य है. सिविल सोसाइटी के सचिव अनिल शर्मा ने बताया कि सुनवाई में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आगरा पुलिस कमिश्नर को निर्देश दिए हैं कि स्मारक की सुरक्षा सुनिश्चित करें. पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात करें. किसी भी प्रकार के आगे के नुकसान को रोकें. 27 जनवरी को इसकी अगली सुनवाई होगी.
हाईकोर्ट के फैसले पर जताई खुशी :इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हमाम को लेकर दायर याचिका की सुनवाई में 27 जनवरी तक का स्टे दिया है. इससे हमाम को लेकर मुहिम शुरू करने वाले हेरिटेज हिंदुस्तान, जर्नी टू रूट्स), आगरा हेरिटेज वॉक्स, हेरिटेज विद अरसलान, आगरा और हम के साथ ही सिविल सोसाइटी के पदाधिकारियों ने खुशी जाहिर की है. सभी का कहना है कि शहर की जनता की जीत है. विरासत बचाने की लड़ाई अभी बाकी है.
यह भी पढ़ें -'अलविदा शाही हमाम...हम होंगे कामयाब'; मुगलकालीन हमाम बचाने के लिए आगरा में हेरिटेज वॉक - AGRA SHAHI HAMAM