मेरठ:गर्मी का सीजन चल रहा है. इसी के साथ सीजनल फलों में जामुन भी एक ऐसा फल है जो, कि इस सीजन में ही प्रमुख रूप से मिल पाता है. जामुन गुणों से भरपूर है. पीलिया, शुगर, रक्तश्राव से जुड़ी बिमारियों, बार बार गर्भपात जैसी समस्याओं पर यह नियंत्रण करता है. वहीं पेट के लिए भी वह टॉनिक से कम नहीं है.त्वचा संबंधी रोगों से मुक्ति दिलाने में भी यह मदद करता है. इसी के साथ जामुन के और भी अनेकों फायदे हैं, जिनकी वजह से इसे बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है.
प्रो. विजय मलिक और आयुर्वेदाचार्य डॉ. बृजभूषण शर्मा ने जामून के बताए गुण (etv bharat report) जामून इस फल को आमतौर पर अंग्रेजी में जावा प्लम या इंडियन ब्लैकबेरी के नाम से जानते हैं. हिंदी में इसे जामुन या जंबुल पुकारा जाता है. संस्कृत में जम्बुफलम या महाफला कहकर पुकारते हैं, तमिल में नावर पजम और तेलुगु में नेरेदु के नाम से. यह बेहद ही उपयोगी फल है. इसी तरह इसका वानस्पतिक नाम है, सिजिजियम क्यूमिनी. जामुन का सीजन धीरे धीरे आ ही गया है. अगले तीन महीने तक यह फल हर किसी की पहुंच में होगा. यह फल अनेकों लोगों के लिए लाभकारी है.
जामून महत्वपूर्ण मेडिसिनल प्लांट: जामुन के बारे में हमने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के वनस्पति विभाग के HOD प्रोफेसर डॉक्टर विजय मलिक से भी बातचीत की. वह बताते हैं, कि जामुन एक महत्वपूर्ण मेडिसिनल प्लांट है, जिसे हम सदियों से इस्तेमाल करते आ रहे हैं. जहां तक इसके फल की बात है शुगर रोगी भी इसे अपने उपयोग में ले सकते हैं. साथ ही जो इसका बीज है उसे भी पीसकर इसका चूर्ण बनाकर उपयोग में लिया जा सकता है. इसका सिरका भी हम इस्तेमाल कर सकते हैं.
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विश्वविद्यालय के वनस्पति विभाग के एचडी विजय मलिक बताते हैं, कि जामुन ही एक ऐसा फल है जो अगर किसी के पेट में बाल जमा हो जाएं तो यही उन्हें बाहर निकाल सकता है. वह कहते हैं कि कम से कम चार जामुन अवश्य सभी खाएं इसके कई और भी फायदे हैं. डॉक्टर विजय मलिक जामुन की पत्ती के लाभ भी गिनाते है. अगर किसी को भी पीलिया है तो पत्तियों को चबाने से इसका बेहद ही लाभ मिलता है. जामुन की छाल को पीसकर उसका चूर्ण भी बेहद गुणकारी है. अगर किसी को बार बार गर्भपात जैसी समस्या से जूझना पड़ रहा है, तो इसकी छाल का चूर्ण बनाकर उपयोग में ले सकते हैं. साथ ही इसका काढ़ा भी बनाकर लिया जा सकता है, जिससे निश्चित ही लाभ होगा. यह बहुत ही कारगर साबित होता है.
पीलिया के लिए जामुन है रामबाण:अगर किसी को लैट्रिन में खून जाने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, तो उनके लिए भी जामुन का काढ़ा या चूर्ण बेहद ही लाभकारी है. जामुन में फाइटो कैमिकल होते हैं जो कि शरीर में होने वाले रक्त श्राव को रोकते हैं. डॉ. विजय मलिक कहते हैं की खास बातें हैं कि क्योंकि 12 महीने जामुन तो नहीं रहते लेकिन जामुन की पत्तियां और छाल हर समय मौजूद रहती हैं. इनका उपयोग भी आसानी से कर सकते हैं. सुबह सुबह इसकी पत्तियों का सेवन काफी उपयोगी है. जो लोग सुबह सुबह मॉर्निग वॉक पर जाते हैं, वह जामुन की कोमल पत्तियां चबाते हुए देखे जा सकते हैं. डॉक्टर विजय मलिक कहते हैं, कि काफी स्टडीज इस विषय में हैं. पीलिया जैसी घातक बीमारी में तो जामुन बेहद उपयोगी है. यह रामबाण का काम करती है.
आयुर्वेद में जामुन अद्भुत फल: राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित आयुर्वेदाचार्य डॉ. बृजभूषण शर्मा कहते हैं, कि आयुर्वेद में जामुन को अद्भुत फल बताया गया है. इसका विशेष महत्व है. वो पेट के पांचन तंत्र से संबंधित है. पेट के लिए जामुन अमूल्य औषधि है. जामुन हाथों की शुद्धिकरण और पेट की पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने में बेहद ही लाभकारी है. रक्त संचार को सही रखने में भी इसका विशेष महत्व है. विद्या व्रत बृजभूषण कहते हैं कि जमुना के सिरके में काफी चीजों को डालकर उनका सेवन करने से वह बेहद ही लाभकारी एवं उपयोगी सिद्ध होती हैं. आंतों की सफाई के लिए जामुन बेहद उपयोगी है. वह बताते हैं, कि जब हमारा पेट ठीक रहता है तो यह स्किन डिसऑर्डर में भी अच्छा काम करती है. जिन लोगों के पित्त प्रवृत्ति ज्यादा है, खट्टी डकार आती हैं, जिन्हें अपच्य होता है ऐसे लोगों को जामुन का अत्यधिक इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
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