हजारीबाग: जिला परिवहन कार्यालय इन दिनों काफी सुर्खियों में है. इस कार्यालय से दो गाड़ी का एक ही रजिस्ट्रेशन नंबर जारी किया गया है. महत्वपूर्ण बात यह है कि दोनों गाड़ी का एक ही इंजन नंबर और चेचिस नंबर है. ऐसे में यह आखिर कैसे हुआ यह जांच का विषय है. इसे लेकर जिला परिवहन कार्यालय में जांच की प्रक्रिया को तेज कर दी गई है.
हजारीबाग जिला परिवहन कार्यालय जहां कुछ भी संभव है. इसलिए कि इस कार्यालय ने दो स्कॉर्पियो गाड़ी को एक ही रजिस्ट्रेशन नंबर जारी कर दिया है. इस खबर को कुछ दिन पहले ही ईटीवी भारत ने प्रमुखता के साथ दिखाया था. इसके बाद जिला परिवहन कार्यालय सक्रिय हुआ. दूसरी गाड़ी के मलिक को नोटिस जारी कर कार्यालय बुलाया है. कार्यालय आने में उस गाड़ी को 7 दिन का समय लग गया.
यह गाड़ी रांची के सचिन कुमार दास के नाम पर दोबारा रजिस्ट्रेशन कर दिया गया है. जिसने यह गाड़ी राज मोटर से सेकंड हैंड खरीदा था. गाड़ी एक अगस्त 2023 को खरीदा था. इस एवज में 5000 रुपए नाम ट्रांसफर करने के लिए भी एजेंट को दिया था. गाड़ी सत्येंद्र नारायण सिंह के नाम से खरीदारी की थी.
वास्तव में गाड़ी सत्येंद्र नारायण सिंह के नाम से ही रजिस्टर्ड है. लेकिन फर्जी दस्तावेज बनाकर गाड़ी सचिन कुमार दास को ट्रांसफर कर दिया गया. जिसने रांची के राज मोटर से गाड़ी खरीदा है. इसे लेकर उसने कंपनी को 9 लाख 75 हजार रुपए दिया था. सचिन कुमार दास ने बताया कि 2 लाख 70 हजार उसने कैश दिया था. बाकी पैसा बैंक से फाइनेंस कराया गया है. सचिन कुमार दास खुद को फंसा हुआ देख रहा है. जो बातें छनकर सामने आई है, इससे यह पता चलता है कि यह चोरी की गाड़ी है. जिसे हजारीबाग डीटीओ ऑफिस ने गलत दस्तावेज बनाकर दोबारा रजिस्ट्रेशन कर दिया है.
इस पूरे प्रकरण में रांची का रहने वाला शशि और बबलू प्रसाद भी संदेह के घेरे में है. बबलू प्रसाद ने बिहार के रहने वाले आदित्य पांडे से गाड़ी खरीदी थी. शशि के माध्यम से राज मोटर गाड़ी सेकंड हैंड बेचने के लिए पहुंचा था. बबलू प्रसाद और आदित्य पांडे का क्या संबंध है, इसे लेकर भी जांच होनी चाहिए. शशि किस तरह की गाड़ी उपलब्ध कराता है, यह भी एक संदेह के घेरे में है. शशि के बारे में पिछले कुछ दिनों से हजारीबाग डीटीओ ऑफिस में काफी चर्चा भी थी. शशि के सामने आने पर कई बात का खुलासा भी हो रहा है.