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Delhi: नोएडा प्राधिकरण के 200 करोड़ की एफडी फ्रॉड में आरोपी हवाला कारोबारी गिरफ्तार

क्राइम ब्रांच ने नोएडा प्राधिकरण के 200 करोड़ की एफडी फ्रॉड मामले में शामिल आरोपी हवाला कारोबारी को राहुल मिश्रा को शुक्रवार को धर दबोचा.

नोएडा प्राधिकरण
नोएडा प्राधिकरण (Etv Bharat)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 18, 2024, 11:03 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा:नोएडा प्राधिकरण के 200 करोड़ रुपये के एफडी फ्रॉड में शामिल आरोपी हवाला कारोबारी राहुल मिश्रा को क्राइम ब्रांच ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी मास्टरमाइंड मनु भोले का खास था. राहुल ने ही प्राधिकरण के खातों से 3 करोड़ 90 लाख रुपये नोएडा के अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कराए थे. इसके बाद गुजरात और चंपारण के हवाला कारोबारी की मदद से 10 फ़ीसदी कमीशन देकर निकलवाया था. इस गिरोह के अन्य फरार आरोपियों की तलाश जारी है.

फ्रॉड की रकम को हवाला के जरिए निकलवाने में था शामिल

क्राइम ब्रांच की टीम ने शुक्रवार रात को आरोपी राहुल मिश्रा उर्फ गौरव शर्मा को गिरफ्तार कर लिया. राहुल मिश्रा दिल्ली के दुर्गापुरी एक्सटेंशन का रहने वाला है. पुलिस उसकी तलाश पिछले 1 साल से कर रही थी. उसका असली नाम गौरव शर्मा है, जो काफी समय से अपनी पहचान छुपा कर राहुल मिश्रा के रूप में रह रहा था . नोएडा प्राधिकरण के सीएफओ मनोज कुमार की शिकायत पर 200 करोड़ के फ्रॉड के मामले में कोतवाली सेक्टर 58 पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की थी. अब इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच की टीम कर रही है. नाेएडा अथॉरिटी को 200 करोड़ रुपये की एफडी करवानी थी, इसके लिए टेंडर सूचना जारी की गई. 15 जून को बोर्ड मीटिंग हुई. इस मीटिंग में शामिल होने के लिए 12 राष्ट्रीयकृत व 8 निजी बैंकों ने आवेदन किया था.

बोर्ड मीटिंग फाइनल हुआ था टेंडर
बोर्ड मीटिंग में बैंक ऑफ इंडिया सेक्टर-62 को भी शामिल किया गया. इसने आवेदन भी नहीं किया था. बैंक अधिकारियों ने 7.36 ब्याज देने की बोली लगाई. फिर अथॉरिटी में ठगों ने बैंक अधिकारी बनकर बोली बढ़ाई. वहीं बैंक में अथॉरिटी अधिकारी बनकर अकाउंट खुलवाया. इसके बाद अथॉरिटी से बैंक में रकम ट्रांसफर करवाई. यही नहीं उन अकाउंट का होल्ड भी अथॉरिटी अधिकारी के तौर पर अपने हाथ में लिया. इसके बाद बैंक से 3 करोड़ 90 लाख व 9 करोड़ रुपये दूसरे खातों में ट्रांसफर करवा लिए. गनीमत रही कि 9 करोड़ रुपये का ट्रांसफर फर्जीवाड़ा सामने आने पर समय रहते रोका गया. बैंक से अथॉरिटी अपने 3 करोड़ 90 लाख रुपये वापस ले चुकी है.

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