पंचकूला: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र एनसीआर के अंतर्गत हरियाणा के 14 जिलों में अब 500 वर्ग मीटर से बड़े प्लॉट के निर्माण कार्यों और तोड़फोड़ की निगरानी निजी एजेंसियां करेंगी. यह एजेंसियां निर्माण स्थलों पर छापेमारी के अलावा कूड़े-कचरा की अवैध डंपिंग की रोकथाम भी करेंगी. इन एजेंसियों की कार्रवाई से बचाव के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के डस्ट पोर्टल पर पंजीकरण करवाना अनिवार्य है, ताकि कैमरों की मदद से साइट की निगरानी की जा सके.
300 बिल्डर व भवन मालिकों को नोटिस:राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा डस्ट पोर्टल पर पंजीकरण नहीं करवाने वाले 300 से अधिक बिल्डरों और भवन मालिकों को नोटिस जारी किए गए हैं. क्योंकि एनसीआर में सबसे अधिक प्रदूषण निर्माण कार्यों के दौरान उड़ने वाली धूल से होता है. नतीजतन वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के निर्देश पर हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 500 वर्ग मीटर से बड़े सभी प्लॉटों के निर्माण या तोड़फोड़ के लिए डस्ट मैनेजमेंट पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य किया है.
नियमों का पालन नहीं होने से धूल के गुबार:एनसीआर में अधिकांश बिल्डर नियमों का पालन नहीं कर रहे. नतीजतन अधिकतर स्थानों पर पीएम 2.5 और पीएम 10 पर नजर रखने के लिए सेंसर नहीं लगाए जा रहे हैं. निर्माण कार्यों और तोड़फोड़ से पहले साइट पर पानी का छिड़काव नहीं करने से विभिन्न स्थानों पर धूल के गुबार उठते हैं, जिससे वायु प्रदूषण अधिक होता है.