अंबाला/चंडीगढ़ :पंजाब से किसान दिल्ली जाने पर अड़े हुए हैं. आज शंभू बॉर्डर पर पुलिस प्रशासन ने आंसू गैस का इस्तेमाल करते हुए किसानों को दिल्ली की ओर बढ़ने से रोक दिया लेकिन किसानों ने कहा है कि वे फिर से 8 दिसंबर को दिल्ली की ओर कूच करेंगे. ऐसे में हरियाणा के गब्बर कहे जाने वाले परिवहन मंत्री अनिल विज ने पूरे मामले में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए किसानों को बड़ी नसीहत दे डाली है.
"किसानों को पहले इजाजत लेनी चाहिए" :किसान आंदोलन पर बोलते हुए हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने कहा है कि किसानों के पास दिल्ली में धरने की कोई इजाजत नहीं है. अगर कोई धरना या प्रदर्शन करना है तो इसकी इजाजत लेनी होती है. अपने शहर में प्रदर्शन के लिए भी प्रशासन से अनुमति लेनी होती है. किसानों ने अनुमति नहीं ली है और जब तक अनुमति नहीं लेंगे उन्हें कैसे आगे बढ़ने दिया जा सकता है. वे दिल्ली से इजाजत के बगैर पंजाब से आगे बढ़ेंगे तो हरियाणा में जाकर धरना प्रदर्शन शुरू कर देंगे. जहां तक किसानों की मांगों का सवाल है तो सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित कमेटी इस दिशा में काम कर रही है. किसानों से पूरे मामले पर बातचीत जारी है.
"पंजाब सरकार को किसानों से बात करनी चाहिए" :पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है, वे पंजाब की धरती पर धरने पर बैठे हुए हैं, ऐसे में किसानों से पंजाब सरकार को बातचीत करनी चाहिए लेकिन पंजाब की सरकार किसानों से किसी तरह की कोई बातचीत नहीं कर रही है. पंजाब सरकार को किसानों से बातचीत करते हुए पूरे मसले का समाधान निकालना चाहिए. हिंदुस्तान की पहचान है कि जो भी आंदोलन लोकतांत्रिक तरीके से किए गए हैं, उनका समाधान निकाला गया है. उग्र तरीके से प्रदर्शन करने से कुछ नहीं होता. किसान दिल्ली में प्रदर्शन करने की इजाजत पहले लें, फिर हरियाणा सरकार उन्हें जाने से नहीं रोकेगी.
"बांग्लादेश के खिलाफ सख्त कदम उठाए सरकार" :वहीं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर दिए बयान पर बोलते हुए अनिल विज ने कहा कि डीएनए की जांच उनको करानी चाहिए जो विदेशी ताकतों का समर्थन करते हैं. उनके मंसूबों को कामयाब करने के लिए आगे बढ़ते हैं. योगी का डीएनए तो सारे देश ने देखा हुआ है. वहीं बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा के मामले में बोलते हुए उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में जो कुछ हो रहा है, उसके खिलाफ सरकार को कड़े कदम उठाने की जरूरत है. बांग्लादेश को पाकिस्तान बनाने की दोबारा कोशिश हो रही है, ऐसे में सरकार को सख्त कदम उठाना चाहिए.