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केंद्र ने किसानों को दी राहत, 14 खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया, धान MSP से किसान नहीं संतुष्ट - HARYANA farmers reaction on msp - HARYANA FARMERS REACTION ON MSP

Haryana farmers reaction on msp: सरकार ने किसानों को बड़ी राहत दी है. सरकार ने 14 खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया है. धान की एमएसपी 117 से बढ़ा कर 2300 रुपये की गई है. हालांकि किसान धान की एमएसपी से खुश नजर नहीं आ रहे हैं. वहीं, नई एमएसपी से सरकार पर 2 लाख करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा. जो कि पिछले सीजन के मुकाबले 32 हजार करोड़ रुपये ज्यादा है.

Haryana farmers reaction on msp
Haryana farmers reaction on msp (ईटीवी भारत अंबाला)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jun 23, 2024, 2:07 PM IST

Haryana farmers reaction on msp (ईटीवी भारत अंबाला)

अंबाला:केंद्र सरकार ने किसानों को बड़ी राहत देते हुए खरीफ की 14 फसलों पर MSP बढ़ा दी है. एमएसपी बढ़ाने के बाद भी किसान खुश नजर नहीं आ रहे हैं. धान पर सरकार द्वारा बढ़ाई गई एमएसपी को किसान बहुत कम बता रहे हैं. हालांकि सूरजमुखी और मूंग पर बढ़ाई गई एमएसपी से किसान संतुष्ट जरूर है. किसानों का कहना है कि धान की फसल पर पिछले साल के मुकाबले 400 रुपये खर्च ज्यादा आ रहा है. जबकि एमएसपी 117 रुपये बढ़ाया गया है. वहीं, किसानों ने कहा कि एमएसपी तो सरकार ने बढ़ा दी लेकिन उठान तो होता ही नहीं है.

सरकार ने 14 फसलों पर बढ़ाई MSP: किसानों की आय दोगुनी करने के लिए भारत सरकार की तरफ से अनेकों योजनाएं चलाई जा रही है. जिसका फायदा भी किसान उठा रहे हैं. किसानों की आय बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने किसानों की 14 फसलों पर एमएसपी बढ़ाई है. जिसमें धान की फसल पर 117 रुपये बढ़ाए गए हैं. पिछले साल धान की रोपाई एक एकड़ की 3600 रुपये थी. लेकिन अबकी बार 4 हजार रुपये हो गई है. हालांकि किसान सूरजमुखी और मूंग पर बढ़ाई गई एमएसपी से संतुष्ट नजर आ रहे हैं. किसानों का कहना है कि अगर धान की एमएसपी तीन हजार तक हो जाए तो फिर कहीं जाकर उनका गुजारा हो सकता है.

क्या है एमएसपी: न्यूनतम समर्थन मूल्य वो गारंटीड मूल्य है जो किसानों को उनकी फसल पर मिलता है. भले ही बाजार में उस फसल की कीमत कम हो लेकिन इसके पीछे का तर्क है कि बाजार में फसलों की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव का असर किसानों पर न पड़े. बाजार में फसल की कीमत चाहे ज्यादा और या फिर कम हो. लेकिन किसानों को फसलों की न्यूनतम कीमत मिलती रहे. यदि फसल की बंपर पैदावार हुई है, तो उसकी बाजार में कीमतें कम होती है. तब एमएसपी उनके लिए फिक्स एशियाई प्राइस का कम करती है. यह एक तरह से कीमतें गिरने पर किसानों को बचाने वाली बीमा पॉलिसी की तरह काम करती है.

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