सिरसा:हरियाणा में निकाय चुनावों की घोषणा के साथ ही सिरसा शहर में भी नगर परिषद चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई है. सिरसा में विधानसभा चुनाव की तरह ही निकाय चुनाव में भी पार्टियों का गठजोड़ बनने के भी कयास लगाए जा रहे हैं. संभावना जताई जा रही है कि विधानसभा चुनाव की तरह नगर परिषद चुनाव में भी बीजेपी और हलोपा प्रमुख गोपाल कांडा की पार्टी की जुगलबंदी देखने को मिल सकती है. खास बात ये भी कि गोपाल कांडा के छोटे भाई गोविंद कांडा बीजेपी में ही है. ऐसे में हलोपा और बीजेपी के गठबंधन के आसार दिख रहे हैं.
कार्यकर्ताओं में सिंबल पर सहमति: वहीं, जब बीजेपी के स्थानीय पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने निकाय चुनाव को लेकर जिलाध्यक्ष शीशपाल कंबोज की अध्यक्षता में बैठक की थी. बैठक में निकाय चुनाव में बीजेपी के सिंबल पर ही चुनाव लड़ने की ज्यादातर कार्यकर्ताओं ने सहमति दी है. हालांकि हाईकमान को गोपाल कांडा का साथ पसंद है. अक्टूबर 2024 में हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी सिरसा सीट से गोपाल कांडा को बीजेपी का साथ मिल चुका है. बीजेपी ने पहले रोहताश जांगड़ा को अपना उम्मीदवार बनाया था, लेकिन बाद में जांगड़ा को चुनावी रण से हटा दिया था.
SC उम्मीदवार की तलाश तेज: गौरतलब है कि सिरसा नगर परिषद के चेयरमैन का चुनाव इस बार 1 लाख 60 हजार मतदाता प्रत्यक्ष रूप से करेंगे. सीधे मतदाताओं के वोट से पहला चेयरमैन चुने जाने का गौरव अनुसूचित जाति के व्यक्ति को मिलेगा. इसलिए हलोपा, बीजेपी से लेकर इनेलो, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी व जेजेपी तक ने अपने मजबूत एससी कैंडिडेट की तलाश शुरू कर दी है.
बीजेपी में गुटबाजी!: सिरसा नगर परिषद चुनाव में डायरेक्टर चेयरमैन का चुनाव होगा. ऐसे में अब कांग्रेस की तरह ही सिरसा में बीजेपी के भी गुट बन गए हैं. हर कोई अपने समर्थक को चेयरमैन पद पर बैठाने के लिए कमर कसने में लगे हैं. सिरसा में अपना वजूद बचाने के लिए बीजेपी दूसरी पार्टियों से लड़ने की बजाय अपनी ही पार्टी के नेताओं और गठबंधन के नेताओं से लड़ती हुई नजर आ रही है. बता दें कि सिरसा लोकसभा चुनाव में बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा था.