पंचकूला:हरियाणा में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी भारतीयों के लिए सामान्य पात्रता परीक्षा यानी कि सीईटी के संशोधित नियमों पर विवाद खड़ा हो गया है, क्योंकि आधार और परिवार पहचान पत्र वाले सामान्य वर्ग के युवाओं के लिए रजिस्ट्रेशन शुल्क 500 रुपए, जबकि आधार और पीपीपी न होने पर शुल्क 1 हजार रुपया तय किया गया है. इसे लेकर हरियाणा में विपक्षी दल के नेता सरकार के इस फैसले को गलत ठहरा रहे हैं. साथ ही इसे लेकर सरकार पर हमलावर हैं.
3 साल के लिए होगा मान्य: हरियाणा सरकार ने दो दिन पहले ही संशोधित सामान्य पात्रता परीक्षा संबंधी गजट नोटिफिकेशन जारी किया है. नोटिफिकेशन के अनुसार सीईटी 3 साल के लिए मान्य रहेगा, जबकि स्क्रीनिंग टेस्ट के लिए पदों से 10 गुना ज्यादा शॉर्ट लिस्ट उम्मीदवार बुलाए जाएंगे. इससे पहले तक चार गुना उम्मीदवार ही बुलाए जाते थे.
कांग्रेस ने जताई आपत्ति:इसे लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट आधार कार्ड के अनिवार्यता को खत्म कर चुकी है. ऐसे में प्रदेश सरकार किस आधार पर अलग-अलग फीस निर्धारित कर रही है. सीईटी पास करने वाले सभी युवाओं को ग्रुप-सी और ग्रुप-डी की नौकरियों में भर्ती होने का मौका मिलना चाहिए. भर्ती में 10 गुना उम्मीदवारों को बुलाने का नियम भी गलत है. सुरजेवाला ने सवाल किया कि यदि किसी ने कड़ी मेहनत करते हुए सीईटी पास कर लिया है, तो उसे चयन प्रक्रिया में हिस्सा लेने से क्यों रोका जा रहा है.