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मनाली के नौ गांवों में 42 दिन तक नहीं बजेगी फोन की घंटी, टीवी रेडियो भी रहेगा बंद - MANALI GOSHAL VILLAGE

मनाली के साथ लगते 9 गांवों में मकर संक्रांति से अगले 45 दिनों के लिए कई तरह के प्रतिबंध लग गए हैं. पढ़ें पूरी खबर.

देवता ब्यास ऋषि मंदिर
देवता ब्यास ऋषि मंदिर (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 14, 2025, 6:59 PM IST

Updated : Jan 14, 2025, 7:38 PM IST

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में देव संस्कृति का पालन आज भी उसी तरह से कर रहे हैं, जिस तरह से उनके बुजुर्ग सदियों से करते आ रहे थे. ऐसे में देवी देवताओं का आदेश आज भी हिमाचल के लोगों के लिए सर्व मान्य है. देवी देवताओं के पर्व त्यौहार भी ग्रामीण धूमधाम के साथ मनाते हैं. ऐसे में जिला कुल्लू की पर्यटन नगरी मनाली के साथ लगते 9 गांवों की बात करें तो मकर संक्रांति के दिन से ही अब 45 दिनों के लिए ग्रामीणों पर कई तरह के प्रतिबंध लग गए हैं.

अब ग्रामीण 45 दिनों तक ना तो शोर शराबा नहीं कर पाएंगे और न ही मोबाइल फोन सुन पाएंगे. इतना ही नहीं इस दौरान कृषि कार्य पूरी तरह से बंद रहेंगे और किसी भी तरह के शोर शराबे पर पूरी तरह से पाबंदी रहेगी. मकर संक्रांति के दिन गोशाल गांव में देवता ब्यास ऋषि के मंदिर में पूजा अर्चना की गई और उसके बाद मंदिर को बंद कर दिया गया. इतना ही नहीं मंदिर की घंटियों को भी कपड़े से बांध दिया गया, ताकि किसी भी प्रकार का शोर शराबा ना हो सके.

मोबाइल भी हो गए साइलेंट

देवता के कारदार हरि सिंह ने कहा कि, 'घाटी के नौ गांवों के लोग 14 जनवरी से देव प्रतिबंध में बंध गए हैं और उनके मोबाइल भी साइलेंट हो गए हैं. ये परम्परा सदियों से चली आ रही है और आज भी परम्परा बखूबी निभाई जा रही है. फिर चाहे वो आज का युवा हो या फिर यहां आने वाला पर्यटक सभी इस परम्परा को निभाते हैं.'

42 दिन तक देव आज्ञा का पालन करेंगे लोग

स्थानीय ग्रामीणों का मानना है कि मकर संक्रांति के दिन से गांव के आराध्य देवता तपस्या में लीन हो जाते हैं और देवताओं की तपस्या भंग न हो सके इसके लिए शोर शराबे पर प्रतिबंध रहता है. जिला कुल्लू की उझी घाटी के गोशाल गांव सहित कोठी, सोलंग, पलचान, रुआड़, कुलंग, शनाग, बुरुआ तथा मझाच के लोग इस देव प्रतिबंध का पालन करेंगे. देव प्रतिबंध के चलते गोशाल गांव के ग्रामीण रेडियो, टीवी का प्रयोग नहीं करेंगे, ग्रामीण खेतों का रुख भी नहीं करेंगे. देव प्रतिबंध के चलते ग्रामीण 42 दिन तक देव आज्ञा का पालन करेंगे. ग्रामीण स्वर्ग प्रवास से लौटने पर देवताओं का जोरदार स्वागत करेंगे और आराध्य देवों के सम्मान में उत्सव का भी आयोजन करेंगे. देवता स्वर्ग प्रवास से लौटते ही भविष्य में होने वाली घटनाओं के बारे भी भविष्यवाणी करेंगे.

खेतों में भी नहीं होगा काम

देवता कार्तिक स्वामी मंदिर के पुजारी मकर ध्वज शर्मा ने कहा कि,'सिमसा गांव के साथ अन्य साथ लगते गांवों में भी आज से 12 फरवरी तक किसी भी तरह के शोर और न ही कोई व्यक्ति अब उंची आवाज में बात कर सकता है ना ही खेतों में काम होगा. इसके अलावा मन्दिर में पूजा भी नही होगी और मंदिर की घंटियों को भी बांध दिया गया है, ताकि किसी तरह की कोई आवाज ना हो.'

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Last Updated : Jan 14, 2025, 7:38 PM IST

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