नई दिल्ली/गाजियाबाद:भारत में, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच कई विकासात्मक विषमताएं हैं, विशेषकर महिलाओं के लिए. शहरी क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं के पास आजीविका के साधन अधिक होते हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह स्थिति काफी चुनौतीपूर्ण है. उत्तर प्रदेश सरकार ने इस विषमता को कम करने के लिए ग्रामीण महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण पहल की हैं.
गाजियाबाद जिले में, जिला प्रशासन ने ग्रामीण महिलाओं के लिए स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आजीविका के साधन उपलब्ध कराने की कवायद शुरू की है. इस योजना के तहत महिलाएं न केवल अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने का अवसर पा रही हैं, बल्कि उनके लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं ताकि वे स्वयं अपनी आजीविका का साधन स्थापित कर सकें.
दीपावली का उत्सव: महिलाएं बन रही हैं आत्मनिर्भर:दिवाली का त्यौहार नजदीक है, और इस अवसर पर बाजार में दीयों की मांग काफी बढ़ जाती है. गाजियाबाद के ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं इस अवसर का पूरा लाभ उठा रही हैं. उन्हें सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से गोबर से दीपक बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया गया है. यह प्रशिक्षण महिलाओं को न केवल रोजगार के साधन प्रदान कर रहा है, बल्कि उन्हें विविधता में भी समृद्ध कर रहा है.
महिलाएं अब गोबर से दीपक बनाकर उन्हें बाजार में बेचने जा रही हैं. जिला प्रशासन के द्वारा विभिन्न सरकारी कार्यालयों, नगर निगम मुख्यालय, और एनसीआर की विभिन्न सोसाइटीज में स्टॉल लगाकर दीपकों की बिक्री की जाएगी. प्रत्येक दीपक को 3 रुपये की दर पर बेचा जाएगा. अनुमान है कि दिवाली के पहले, प्रत्येक महिला लगभग 2000 दीपक तैयार कर सकेगी, जिसके माध्यम से स्वयं सहायता समूह द्वारा करीब 50,000 दीपक तैयार करने की संभावना है.