उत्तरकाशी:गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान ने मस्जिद को लेकर निकाली गई जन आक्रोश रैली के दौरान पत्थरबाजी और लाठीचार्ज की घटना पर अपना बयान दिया है. उन्होंने लाठीचार्ज की घटना की कड़े शब्दों में निंदा की. साथ ही रैली में शामिल प्रदर्शनकारियों के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज करने का भी विरोध किया. उन्होंने कहा कि यह शांत नगर है. आज तक इस तरह की घटना कभी उत्तरकाशी में नहीं हुई. मस्जिद विवाद जांच का विषय है. अगर मस्जिद अवैध हुई तो उसे तुड़वाया जाएगा.
शांतिप्रिय नगरी उत्तरकाशी में आज तक नहीं हुई ऐसी घटना: दरअसल, गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान ने मंगलवार यानी 29 अक्टूबर को लोनिवि अतिथि गृह में मस्जिद विवाद को लेकर पत्रकारों से वार्ता की, इस दौरान विधायक चौहान ने कहा कि जब यह घटना घटी तो वो देहरादून में थे. इस घटना को लेकर उनकी मुख्यमंत्री से वार्ता हुई है. उत्तरकाशी एक शांतिप्रिय नगरी है, ऐसी स्थिति आज तक नहीं हुई है. इस घटना में जो भी पुलिस का अधिकारी और कर्मचारी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान का बयान (वीडियो- ETV Bharat) संगीन धाराएं लगाने का कोई औचित्य नहीं:उन्होंने कहा कि लोगों की एक धार्मिक भावना है. वो शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे थे. लोगों में अभी भी रोष है. उनका रोष भी जायज है कि इस तरह की संगीन धाराएं लगाई गई है. उन्होंने बताया कि कल वे खुद डीएम और एसपी से मिले. जिसमें इस बात के स्पष्ट निर्देश दे दिए गए हैं कि अगर जो संगीन धाराएं, जिनका कोई औचित्य नहीं बनता है, वो धाराएं नहीं हटाई गई तो सीधा-सीधा है, यह उग्र आंदोलन बनेगा.
मस्जिद अवैध हुई तो तुड़वाया जाएगा:विधायक सुरेश चौहान ने कहा कि वो इस घटना का पुरजोर विरोध करते हैं. उन्हें विश्वास है कि इस मामले में जो भी अधिकारी गलत होगा, उसके खिलाफ जांच बैठाई जाएगी. उन्होंने कहा कि 4 नवंबर को महापंचायत का आयोजन उनके संज्ञान में नहीं है. लोगों का कहना है कि अभिलेखों में मस्जिद नहीं है. जबकि, प्रशासन का कहना है कि यह राजस्व अभिलेखों में है तो इसकी जांच कर यदि अवैध होगी तो इसे तुड़वाया जाएगा.
उत्तरकाशी में जन आक्रोश महारैली (फाइल फोटो- ETV Bharat) क्या था मामला? दरअसल, 24 अक्टूबर को संयुक्त सनातन धर्म रक्षक दल ने उत्तरकाशी में एक मस्जिद की वैधता को लेकर जन आक्रोश महारैली निकाली थी. पुलिस प्रशासन ने जन आक्रोश महारैली के लिए रूट और समय निर्धारित किए थे, लेकिन प्रदर्शनकारी अपने तय रूट के बजाय दूसरे मार्ग से जाने लगे. ऐसे में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को बैरिकेड लगाकर रोक दिया. जहां प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक हुई थी.
इसी दौरान प्रदर्शनकारियों की भीड़ में से किसी ने पुलिस पर स्टील की बोतल फेंक दी. जो सीधे एक पुलिसकर्मी के सिर पर जा लगा. ऐसे में पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा. इसी बीच पथराव भी हो गया. जिसके चलते स्थिति तनावपूर्ण हो गई. लिहाजा, पुलिस को आनन-फानन में धारा 163 लागू करनी पड़ी. वहीं, पथराव और लाठीचार्ज की घटना में 9 पुलिसकर्मी समेत 27 लोग घायल हो गए. उधर, पुलिस ने 8 नामजद और 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया.
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