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16 जून को है गंगा दशहरा त्योहार, जानें शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व - Ganga Dussehra Festival 2024

Ganga Dussehra Festival: हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष में दशमी तिथि को गंगा दशहरा का त्योहार मनाया जाता है. इस साल गंगा दशहरा का त्योहार 16 जून को मनाया जायेगा. जानें क्यों 'गंगा दशहरा' है इतना खास.

Ganga Dussehra Festival
Ganga Dussehra Festival (ईटीवी भारत करनाल)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jun 14, 2024, 2:26 PM IST

Updated : Jun 14, 2024, 5:18 PM IST

करनाल:हिंदू धर्म में प्रत्येक व्रत व त्यौहार को बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है. हिंदू वर्ष जेष्ठ महीने में हिंदू के कई प्रमुख व्रत व त्यौहार आते हैं. जिनमें से एक गंगा दशहरा आता है. जिसको हिंदू धर्म के लोग काफी श्रद्धा से मनाते हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष में आने वाली दशमी गांगा दशहरा मनाया जाता है. शास्त्रों में बताया गया है कि इस दिन माता गंगा पृथ्वी पर अवतरण हुई थी. जिसके चलते इस दिन विधिवत रूप से मां गंगा की पूजा अर्चना की जाती है और उसमें स्नान करने के बाद दान करने का बहुत ज्यादा महत्व बताया गया है. जानिए गंगा दशहरा के पूजा का विधि-विधान और शुभ मुहूर्त क्या है.

शुभ मुहूर्त गंगा दशहरा पूजन:पंडित राकेश गोस्वामी ने बताया कि ज्येष्ठ महीने में हिंदुओं के लिए गंगा दशहरा का त्यौहार सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार गंगा दशहरा जेष्ट महीने में 16 जून को मनाया जा रहा है. पंडित ने बताया कि गंगा दशहरा के दिन मां गंगा में स्नान करने का सबसे ज्यादा महत्व होता है. लेकिन अगर शुभ मुहूर्त के समय स्नान करने उपरांत पूजा पाठ की जाए तो उसका ज्यादा फल प्राप्त होता है. हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार गंगा दशहरा की शुरुआत 16 जून की रात 2:31 से हो रही है. जबकि इसका समापन 17 जून को सुबह 4:42 मिनट पर होगा. हिंदू धर्म में प्रत्येक व्रत व त्यौहार का उदय तिथि के साथ मनाया जाता है. इसलिए 16 जून के दिन गंगा दशहरा के अवसर पर सुबह 7:08 से सुबह 10:37 तक गंगा स्नान करने उपरांत पूजा करने का शुभ मुहूर्त है.

पूजा का विधि-विधान:पंडित ने बताया कि गंगा दशहरा के दिन सुबह सूर्य उदय से पहले उठकर शुभ मुहूर्त के समय गंगा नदी में स्नान करें. अगर कोई गंगा नदी में स्नान नहीं कर पता तो वह घर में ही गंगाजल डालकर पानी में स्नान करें. माता गंगा की पूजा अर्चना करने के साथ-साथ महादेव की भी पूजा अर्चना करें. उसके उपरांत वह एक तांबे के बर्तन में जल लेकर उसमें अक्षत फूल और गंगाजल डालकर सूर्य देव को जल अर्पित करें और माता गंगा की आरती करें. उसके मंत्रों का जाप करें. उसके बाद माता गंगा की पूजा अर्चना करें और दीपदान करें.

गंगा स्नान के समय मंत्रोच्चारण: गंगां वारि मनोहारि मुरारिचरणच्युतं । त्रिपुरारिशिरश्चारि पापहारि पुनातु मां ।। गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती। नर्मदे सिन्धु कावेरी जले अस्मिन् सन्निधिम् कुरु।। ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि तन्नो पितृो प्रचोदयात्।।

गंगा दशहरा का महत्व:पंडित ने बताया कि गंगा दशहरा का बहुत ही ज्यादा महत्व होता है. वैसे तो यह माना जाता है कि जो भी गंगा मैया में डुबकी लगाता है, उसके सभी पाप दूर हो जाते हैं. लेकिन अगर कोई इंसान गंगा दशहरे के दिन शुभ मुहूर्त में गंगा मैया में स्नान करता है, तो उसके कई जन्मों-जन्मों के पाप दूर हो जाते हैं और सभी प्रकार के दोष से मुक्ति मिल जाती है. इस दिन दान करने से इंसान को कई गुना फल की प्राप्ति होती है. घर में सुख समृद्धि आती है.

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Last Updated : Jun 14, 2024, 5:18 PM IST

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